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कोरबा@M4S:ड्यूटी डॉक्टर की लापरवाही के कारण चीरघर में शव पड़ा रहा। उसका पोस्टमार्टम कराने परिजन परेशान होते रहे। वैधानिक कार्यवाही पूरा करने में भी पुलिस को चक्कर काटना पड़ा।
बालको थानांतर्गत परसाभांठा बस्ती में भागवत चौहान 45 वर्ष निवास करता था। वह मालवाहक ऑटो का परिचालन कर पत्नी और दो मासूम बच्चों को पालन पोषण करते आ रहा था। प्रतिदिन की तरह शनिवार की शाम भी वह घर पहुंचा, इसके बाद भोजन उपरांत दोस्त के साथ टहलने चला गया। दोनों दोस्त टहलने के बाद एक स्थान पर बैठे हुए थे। जहां से घर जाने खड़े होते ही भागवत अचानक गिर गया. जिसकी जानकारी दोस्त ने परिजनों को दी। उसने आसपास मौजूूद लोगों की मदद से उसे विभागीय अस्पताल दाखिल कराया। डॉक्टरों ने परीक्षण उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस ने मृतक के शव को रात करीब 12 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मर्च्युरी में रखवा दिया। रविवार की सुबह मृतक बाराद्वार में रहने वाला मृतक का चाचा ससुर रामदयाल चौहान भी परिजनों के साथ कोरबा पहुंच गया। उसे लेकर पुलिस मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची। घटना से आहत परिजनों को उस समय दोहरा झटका लगा, जब मर्च्युरी के सामने काफी देर इंतजार के बाद भी डॉक्टर नही पहुंचे। पूछताछ करने पर पता चला कि अवकाश के दिन होने के कारण डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन ड्यूटी डॉक्टर कहीं गया हुआ है। उसके दो घंटे बाद आने की जानकारी दी गई। जब ओपीडी पहुंचा तो उसे अस्पताल पुलिस चौकी भेज दिया गया। रामदयाल का कहना था कि वह परिजनों के साथ सुबह से डॉक्टर का इंतजार कर रहा है। बालको थाना का जवान भी दस्तावेज लेकर बैठा हुआ है, लेकिन डॉक्टर नही होने के कारण घंटों देर बाद भी पोस्टमार्टम की कार्रवाई नही हो सकी है। मामला संज्ञान में आते ही प्रबंधन हरकत में आ गई। तब कहीं जाकर दोपहर करीब 3.30 बजे मृतक का पोस्टमार्टम हो सका। बहरहाल पुलिस मृतक के शव को परिजनों के सुपुर्द कर जांच में जुट गई है।
बालको थानांतर्गत परसाभांठा बस्ती में भागवत चौहान 45 वर्ष निवास करता था। वह मालवाहक ऑटो का परिचालन कर पत्नी और दो मासूम बच्चों को पालन पोषण करते आ रहा था। प्रतिदिन की तरह शनिवार की शाम भी वह घर पहुंचा, इसके बाद भोजन उपरांत दोस्त के साथ टहलने चला गया। दोनों दोस्त टहलने के बाद एक स्थान पर बैठे हुए थे। जहां से घर जाने खड़े होते ही भागवत अचानक गिर गया. जिसकी जानकारी दोस्त ने परिजनों को दी। उसने आसपास मौजूूद लोगों की मदद से उसे विभागीय अस्पताल दाखिल कराया। डॉक्टरों ने परीक्षण उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस ने मृतक के शव को रात करीब 12 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मर्च्युरी में रखवा दिया। रविवार की सुबह मृतक बाराद्वार में रहने वाला मृतक का चाचा ससुर रामदयाल चौहान भी परिजनों के साथ कोरबा पहुंच गया। उसे लेकर पुलिस मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची। घटना से आहत परिजनों को उस समय दोहरा झटका लगा, जब मर्च्युरी के सामने काफी देर इंतजार के बाद भी डॉक्टर नही पहुंचे। पूछताछ करने पर पता चला कि अवकाश के दिन होने के कारण डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन ड्यूटी डॉक्टर कहीं गया हुआ है। उसके दो घंटे बाद आने की जानकारी दी गई। जब ओपीडी पहुंचा तो उसे अस्पताल पुलिस चौकी भेज दिया गया। रामदयाल का कहना था कि वह परिजनों के साथ सुबह से डॉक्टर का इंतजार कर रहा है। बालको थाना का जवान भी दस्तावेज लेकर बैठा हुआ है, लेकिन डॉक्टर नही होने के कारण घंटों देर बाद भी पोस्टमार्टम की कार्रवाई नही हो सकी है। मामला संज्ञान में आते ही प्रबंधन हरकत में आ गई। तब कहीं जाकर दोपहर करीब 3.30 बजे मृतक का पोस्टमार्टम हो सका। बहरहाल पुलिस मृतक के शव को परिजनों के सुपुर्द कर जांच में जुट गई है।