पोल्ट्रीफार्म के संचालन से गंदगी एवं बदबू के बीच 8 वर्ष से दाद-खुजली व सर्दी-खांसी का दंश झेलते नरकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीण, जिला प्रशासन से समस्या के निदान की अपेक्षा

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कोरबा(पाली)@M4S: हाल ए समय में एक ओर वैश्विक कोरोना संक्रमण को लेकर देशभर मे कोहराम मचा हुआ है और शासन-प्रशासन लोगो के जनजीवन को सुरक्षित रखने दिन-रात एक किये हुए है।स्कूल व मन्दिर से लेकर ज्यादा भीड़भाड़ वाले लगभग सभी प्रतिष्ठानें बन्द पड़े है।तथा शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह जगह सेनिटाइजर करने के अलावा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा लॉकडाउन तिथि को चौथे चरण के रूप में बढ़ाया गया है।तो दूसरी ओर इन सबके विपरीत एक ग्राम में मोहल्ले के समीप पोल्ट्री फार्म के संचालन से फैले गंदगी व उठते बदबू के कारण ग्रामीण दाद-खुजली के अलावा सर्दी-खांसी के संक्रमण का विगत 8 वर्ष से दंश झेलते हुए और नरकीय जीवन जीते आ रहे है।

नियम कायदों के विपरीत ग्रामीण मोहल्ले से चंद कदम की दुरी पर पोल्ट्री फार्म का संचालन किये जाने के कारण मोहल्लेवासियों में दाद-खुजली और सर्दी-खांसी जैसी संक्रमण फैलने का यह मामला पाली विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मुनगाडीह का है।जहां के वार्ड क्रमांक- 12 धनुहारपारा मोहल्ले में धनुहार सहित अन्य वर्ग वाले 24 घरों के लगभग 150 परिवार निवासरत है।उक्त मोहल्ले के समीप गत आठ वर्ष पहले गौशाला के नाम पर दो लंबे चौड़े शेड का निर्माणकार्य कराया गया।जहां गौपालन की जगह मुर्गापालन कार्य का संचालन करने से ना केवल आसपास गंदगी व भयानक बदबू फैलने लगा बल्कि मोहल्ले में निवासरत लोग भी दाद-खुजली एवं सर्दी-खांसी जैसे संक्रमण की चपेट में आकर बीमार ग्रस्त हो गए।रोजी मजदूरी पर पूर्ण रूप से आश्रित उक्त जनजीवन वाले ये परिवार गत 8 वर्ष पहले तक बहुत हंसी-खुशी से जीवन व्यतीत कर रहे थे।लेकिन गौशाला के नाम पर शेड निर्माण कराकर पोल्ट्री फार्म का संचालन किया जाना इनके लिए परेशानी का सबब बनकर रह गया।ग्रामीणों ने बताया कि मोहल्ले के समीप ही पोल्ट्रीफार्म संचालन के प्रारंभकाल में ही इसका विरोध किया गया था।लेकिन संचालक द्वारा मुर्गीपालन के कार्य को मनमाने रूप से संचालित रखे जाने के परिणामस्वरूप उक्त फार्म से उठते बदबू व गंदगी के कारण मोहल्लेवासियों का खानापीना एवं चैन से सोना रहना भी दुश्वार हो गया।तथा आए दिन बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक अधिकाँश लोग दाद-खुजली व सर्दी-खांसी से ग्रसित होकर दंश झेलते आ रहे है।ग्रामीणों के अनुसार मोहल्ले में फैले उक्त संक्रमण के उपचार हेतु पहुँचे स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा भी पोल्ट्रीफार्म संचालन पर आपत्ति जताया जा चुका है।इसके अलावा वर्तमान कोरोनाकाल संक्रमण को देखते हुए ग्राम के सरपंच द्वारा भी मुर्गापालन कार्य बंद रखे जाने निर्देशित किया गया बावजूद इसके संचालक मानने को तैयार नही है।इस विषय पर उक्त वार्ड की पंच श्रीमती सावित्रीबाई का कहना है कि पोल्ट्रीफार्म संचालक किसी की बातों को सुनने तथा मानने को तैयार नही है।तथा वर्तमान कोरोना संकट के हालात में भी रायपुर से हजारों की संख्या में चूजे मंगाकर मुर्गीपालन में कार्यरत है।जिसके गंदगी व बदबू की वजह से मोहल्ले के निवासी संक्रमण बिमारी की जद में है।वहीं ग्रामीण रितेश सिंह ने बताया कि रोजाना मृत मुर्गों को संचालक द्वारा खुले में फेंक दिया जाता है।जिसे आसपास के आवारा कुत्तों द्वारा सेवन करने पश्चात पागल होकर उक्त दशा में अनेक ग्रामीणों के पालतू मवेशियों को काटने से उनकी जाने चली गई है।ऐसे में मनमाने तरीके से पोल्ट्रीफार्म का संचालन होने से मानव के साथ पशु जीवन को भी संकट में डाल दिया गया है।इस दिशा पर मोहल्लेवासियों का जिला प्रशासन को अपील के माध्यम से कहना है कि पोल्ट्रीफार्म संचालन के कारण ग्रसित बिमारी व होने वाली समस्या से निजात दिलाए जाने को लेकर कलेक्ट्रेट पहुँचकर अपनी बात रखने में सभी असमर्थ है।इसलिए जिला प्रशासन द्वारा मामले में ध्यानाकर्षित कर उचित कार्यवाही करते हुए उत्पन्न समस्या से निजात दिलाए जाने की वार्ड 12 के समस्त निवासियों द्वारा सादर अपेक्षा की गई है।

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