नई दिल्ली(एजेंसी):मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शोध एवं उच्च शिक्षा में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एम फिल एवं पीएचडी के दौरान उनके लिए बेहतर अवसर उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। महिलाओं को अब एमफिल एवं पीएचडी के दौरान 240 दिन का मातृत्व अवकाश या बच्चों की देखभाल के लिए छुट्टियां मिल सकेंगी।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने मंगलवार को यूजीसी की बैठक में इस बाबत लिए गए फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिला उम्मीदवारों एवं दिव्यांग व्यक्तियों को एमफिल और पीएचडी करने के लिए एक साल और दो साल का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। मसलन, एमफिल दो साल में करना होता है। लेकिन महिलाएं अब तीन साल में करे सकेंगी। पीएचडी के लिए छह साल का अधिकतम समय होता है। महिलाओं को अब आठ साल मिलेंगे। दिव्यांगों के लिए भी नए प्रावधान लागू होंगे।
पीएचडी के दौरान यदि किसी महिला का विवाह हो जाता है तो उसे दूसरे विश्वविद्यालय में जाकर यह शोध जारी रखने का मौका मिलेगा। पहले विश्वविद्यालय से शोध के क्रेडिट को वहां स्थानांतरित किया जाएगा। विवाह के कारण महिलाएं शोध कार्य बीच में छोड़ देती थीं और एमफिल एवं पीएचडी पूरा नहीं कर पाती थी।
यूजीसी के अनुसार एमफिल एवं पीएचडी जैसे शोध कार्यक्रमों में महिलाओं की हिस्सेदारी एक फीसदी के करीब है। यह बेहद कम है। उपरोक्त कदमों से शोध में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।