कोरबा@M4S:कोरबा नगर निगम द्वारा पानी का बिल हर माह देने की बजाय 6- 7 माह के अंतराल में उपभोक्ताओं को एकमुश्त बिल देने से उन्हे पानी के लिये अधिक एवं अतिरिक्त राशि नगर निगम को अदा करना पड़ रहा है। इस तरह नगर निगम आम नागरिकों के जेब में डाका डाल कर उनको आर्थिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पार्षद व एमआईसी सदस्य सुरती कुलदीप ने नगर निगम के इस प्रकार चालाकी के साथ जबरिया वसूली का पुरजोर विरोध किया है।आज जारी एक प्रेस बयान में उन्होने कहा कि इस तरह 6 या 7 माह के पानी का बिल उपभोक्ताओं को देने के कारण उनका 6 या 7 माह का कुल खपत को एकमुश्त जोड़कर बिल दिया जा रहा हैं जबकि पानी आपूर्ति का दर अलग-अलग स्लैब के लिए अलग- अलग निर्धारित है।
इसे इस तरह समझा जा सकता है कि-10 हजार लीटर तक प्रति एक हजार लीटर 5 रूपये ,10हजार लीटर से 15 हजार लीटर तक प्रति लीटर 6 रूपये, 15 हजार लीटर से 25 हजार लीटर तक 7 रूपये, 25 हजार से 50 हजार लीटर तक 8 रुपये और 50 हजार लीटर से अधिक 9 रूपये का दर निर्धारित किया गया है। इस अनुसार कोई उपभोक्ता अगर माह में 10हजार लीटर पानी खपत करता है तो उस उपभोक्ता का पानी का बिल 5 रूपये की दर से 50 रूपये बिल आयेगा। लेकिन अगर 6 माह का बिल एकमुश्त दिया जाता है तो उस उपभोक्ता का कुल खपत 60हजार लीटर होता है और 60हजार लीटर का दर 9 रूपये की दर से 540रूपये भुगतान करना पड़ रहा हैं। यानि प्रति माह बिल आने से जिस उपभोक्ता को प्रति माह 50 रूपये देना पड़ता वही 6 माह में बिल आने के कारण उन्हे औसतन प्रति माह 90 रूपये अदा करना पड़ रहा है।
सुरती कुलदीप ने नगर निगम पर पानी बिल में घोटाला का आरोप लगाते हुये कहा है कि नगर निगम इस तरह चालाकी पूर्ण तरीके से जनता के जेब में उस समय बोझ रूपी डाका डाल रही है जब कोरोना महामारी के कारण आम जनता की आर्थिक स्थिति दयनीय है। एकमुश्त इतनी राशि जमा करना आर्थिक रूप से कमजोर तबको के लिए असंभव है।
माकपा पार्षद ने नगर निगम से मांग किया है कि प्रति माह पानी का बिल उपभोक्ताओं को दिया जाये। पूर्व के सभी बिलों को प्रति माह औसत खपत के हिसाब से बिल बनाकर पैसा वसूली की जाये। जिन उपभोक्ताओं ने बिल की राशि भुगतान कर दिये हैं, उनसे जो अतिरिक्त पैसा वसूल किया वह पैसा आगामी बिल के साथ समाहित किया जाये।
पानी के मीटर में खराबी
भागीरथी नल जल योजना के तहत नगर निगम द्वारा घरों में सप्लाई के लिए लगाए गए नल के मीटर में खराबी की शिकायत भी है । 1000 लीटर पर 1 यूनिट की गणना की जाती है पर 700- 800 लीटर में ही 1एक यूनिट का कांटा घूम रहा है जिसकी जांच कर सुधार करने की जरूरत है । कनेक्शन होने के शुरुआती दिनों में और अभी भी कई दिनों गन्दा पानी की सप्लाई हो रही है जिसके कारण साफ पानी आने के इंतजार में नल को खुला छोड़ना पड़ता है जिससे अधिक खपत हो रहा है। इसको भी उपभोक्ताओं के ऊपर थोपा जा रहा है ।
माकपा नेत्री ने आर्थिक रूप से कमजोर तबको को पानी मुफ्त पर देने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि 15 दिनो मे अगर नगर निगम उचित निर्णय नही लेगा तो पार्टी सड़क पर उतरेगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भी हो जलापूर्ति
पार्षद सुरती कुलदीप ने नगर निगम प्रशासन से यह भी मांग की है कि निगम क्षेत्र के समस्त आंगनवाड़ी केंद्रों में भी पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जाए। नगर निगम क्षेत्र के अनेक आंगनवाड़ी केंद्रों में यह समस्या प्रबल है। पेयजल की आपूर्ति यहां नहीं होने के कारण आंगनवाड़ी सहायिकाओं को लंबी दूरी तय कर या फिर पास-पड़ोस से पानी लाने की मजबूरी होती है। चूंकि पानी के लिए नगर निगम मीटर के आधार पर भुगतान ले रहा है इसलिए पास-पड़ोस के लोग भी पानी देने से इनकार करते हैं। ऐसे में यह बहुत ही जरूरी है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में योजना के तहत अथवा नि:शुल्क जल प्रदाय की व्यवस्था नल कनेक्शन खींचकर कराई जाए ताकि केंद्रों की साफ-सफाई, भोजन पकाने से लेकर बर्तनों को धोने और बच्चों को भी हाथ धुलाने के लिए पानी की कमी और तकलीफ आड़े न आए।
पानी बिल में घोटाला-जनता की जेब पर डाका 6 माह का एकमुश्त पानी का बिल थमाकर नगर निगम उपभोक्ताओं को दे रहा आर्थिक-मानसिक प्रताड़ना।
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