पत्रकार बचेंगे तभी लोकतंत्र बचेगा और पत्रकारिता बचेगा:सी एम भूपेश बघेल

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छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन दो दिवसीय राष्ट्रीय पत्रकार सम्मलेन में शामिल हुए सी एम भूपेश बघेल
रायपुर@M4S:छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीआईपी रोड स्थित अग्रसेन धाम भवन में दो दिवसीय पत्रकार सम्मेलन में शामिल हुए उन्होंने पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा की पत्रकार बचेंगे तभी लोकतंत्र बचेगा और तभी पत्रकारिता बचेगा एक दूसरे के पूरक है तभी इस देश का लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है पत्रकार भी होना निश्चित रूप से सामान्य लोगों से अलग करता है पत्रकार समाज के घटित घटनाओं को पूरे समाज तक पहुंचाना ही उसे पत्रकार कहते हैं खासकर कोई बड़ी घटना घट जाए तो अपने जानकी बाजी तक लगा देता है जैसे छत्तीसगढ़ शांति प्रिय प्रदेश में से एक हैं लेकिन आए दिन नक्सलवाद परेशान करते रहते हैं 25 मई 2013 को झीरम घाटी घटना घटी थी घटना स्थल में पहुंचने वाला अगर कोई व्यक्ति था वह भी पत्रकार था वहां पर गोलियां चल रही थी बम फूट रहे थे और ऐसे स्थान से समाचार निकाल कर लाना सराहनीय कार्य ही नहीं दुस्साहस भरा का काम है आज जिस प्रकार से देश में लोकतांत्रिक हमले हो रहे हैं यह अत्यंत चिंतनीय निंदनीय है और उसके लिए कुछ करना भी चाहते हैं एक समय था जब पत्रकार स्वतंत्र होकर पत्रकारिता करता था तब संपादक समाचारों को थोड़ा मोड़ा कलेक्शन कर के समाचार प्रकाशित किया करते थे आज न तो संपादक की सुनी जाती है और ना ही पत्रकार की सुनी जाती है एक ही एजेंडा सेट करने का काम मीडिया के मालिकों का है आज जो दिख रहा है वह हम पढ़ रहे हैं वैसा ही नहीं है जो दिख रहा है जो कुछ भी छप रहा है हम कुछ देख और रहे हैं पर पा और कुछ रहे हैं वैसे ही नहीं दिख रहा है जैसे कि पत्रकार अनुभव करते हैं अभी स्वागत भाषण के समय एक पत्रकार साथी ने बताया कि आईएफडब्ल्यू जे का प्रथम महासम्मेलन दिल्ली में आयोजन किया गया था तब नेहरू गांधी जी ने 100 का चेक प्रदान किया गया था जिसे आज तक नहीं भुनाया गया है उसे सुरक्षित रखा गया है चलिए साहब जितनी समस्या थी इस देश में नेहरू गांधी के समय से थी आज भी नेहरू गांधी जी की जिम्मेदारी को आप रखे हैं देश के आजादी के लड़ाई में बहुत कम समाचार पत्र निकलते थे गांधीजी भी लिखने का काम करते थे उन्होंने तो अपना वनइंडिया और एक पत्र निकाला था सरदार श्री भगत सिंह जी भी छत नाम से क्रांतिकारी लेख लिखा करते थे नेहरू गांधी जी हेरल्ड्स के माध्यम से अपनी बात करते थे लेकिन ऐसी भी पत्र पत्रिका निकलते थे सप्ताहिक या मासिक जो अंग्रेजों के समर्थन में थे कैसे समाज में फूड डाला जाए उनकी भी रणनीति बनती थी देश के निर्माण में विचारधारा की निर्माण में देश में मीडिया का बहुत बड़ा पत्रकारों का योगदान था ना उसे भुलाया जा सकता है और ना ही उसे नकारा जा सकता है पत्रकारों के साथ समय समय में बड़ा हमला हुआ है देश में विदेशों में भी इसलिए हमेशा से मांग उठती रही है

सुरक्षा को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए इसके लिए हमने सहमति अधिकृत रूप से दे दी है और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की कमेटी बना दी गई है जैसे कमेटी हमको रिपोर्ट सौंपेगा वैसा ही हम प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कर देंगे पत्रकारों के अधिमान्यता की बात हमेशा आती है तो जब पत्रकार जब अच्छा काम करे तो हमारा पत्रकार है और कहीं पुलिस केस हो जाए तो यह हमारा पत्रकार नहीं है इस प्रकार की बातें अक्सर देखने को मिलती है प्रदेश स्तर ही नहीं नगर स्तर संभाग स्तर जिला स्तर सभी ब्लॉक की स्तर सभी तहसील स्तर में छत्तीसगढ़ अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार होंगे आपको पता दें पत्रकार जीवन भर संघर्ष करता रहता है और जब वह बुजुर्ग हो जाते हैं तब मालिक भी छोड़ देता है और उसका शरीर भी काम करना छोड़ देता है ऐसी स्थिति में हमारी सरकार ने निर्णय लिया है हम 65 वर्ष की उम्र को घटाकर 60 वर्ष की आयु कर दिए हैं और पिछली सरकार ने 5000 की राशि के स्थान में हमने उसे बढ़ाकर 10000 सम्मान निधि की राशि बढ़ा दिए हैं जो हर महीना मिलेगा पूर्व सरकार ने 5 वर्ष की समयसीमा रखी थी उसे भी हम बढ़ाकर आजीवन कर दिए हैं जब तक वह जीवित है तब तक उसको राशि मिलता रहेगा यह तो रिटायर मेंट होने वाले पत्रकारों के लिए सुविधा है अब रही बात युवा नौजवान पत्रकारों के लिए आपको बता दें पिछली सरकार ने 5000 से 50000 की राशि इलाज सुविधा के लिए दी जाती थी जिसे हमारी सरकार ने 10000 से 200000 तक अब इलाज सुविधा मिलेगी जब पत्रकार स्वस्थ रहेगा और उसके परिवार स्वस्थ रहेंगे तब वह पूरा इमानदारी और दृढ़ संकल्प के साथ अच्छे से काम करेंगे अपनी घरेलू समस्या परिवारिक समस्या से अगर पत्रकार घिरे रहेगा तो सही दिशा में कार्य करने में काफी बाधा और कठिनाइयों का सामना करने के कारण ठीक से काम नहीं कर पाते हैं इसलिए छत्तीसगढ़ शासन ने यह निर्णय लिया है की सारी सुविधा पत्रकारों को पत्रकार हित में मिलना चाहिए जिसके लिए हमारी छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रयास किया है .

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