न्यूरोसर्जन डॉ.मित्तल ने ट्यूमर का किया सफल ऑपरेशन

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कोरबा@M4S: ब्रेन ट्यूमर से जुड़ा एक मामला न्यू कोरबा हॉस्पिटल में आया, जिसका सफल ऑपरेशन कर न्यूरोसर्जन डॉ. दिविक एच. मित्तल ने मरीज की जान बचा ली। 57 वर्षीय रूमगड़ा शिव नगर निवासी भुवन लाल राठौर के सिर में कई दिन से दर्द हो रहा था। धीरे-धीरे दर्द बढ़ता गया और अचानक असहनीय दर्द व चक्कर के कारण वह बेहोश हो गया। परिजन उन्हें शाम को बेहोशी की हालत में न्यू कोरबा हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए आईसीयू में रखा गया। मस्तिष्क का एमआरआई करने पर पता चला कि ब्रेन के दायें हिस्से में गेंद के आकार का गांठ बना हुआ था, जिसे पैरासजाइटल मेनिन्गिओमा कहते हैं। गांठ को परिवार के लोग देखकर हैरान रह गए। परिजनों ने तब राहत की सांस ली जब डॉ. मित्तल ने ऑपरेशन हो जाने की बात कही। डॉ. मित्तल ने एनेस्थेटिस्ट डॉ. रोहित मजुमदार और डॉ. पूजा कुंडु सहित देवेंद्र मिश्रा टीम के साथ 7 घंटे तक ऑपरेशन किया, जो पूर्णत: सफल रहा और मरीज धीरे-धीरे कोमा से बाहर आ गया। फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. यशा मित्तल व डॉ. अमन श्रीवास्तव के प्रयास से मरीज को चलाया-फिराया गया। मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब वह स्वस्थ है। मरीज के परिजनों ने डॉ. डी.एच. मित्तल सहित उनकी टीम का आभार जताया है।

0 ब्रेन ट्यूमर का सफल इलाज व लक्षण
Nkh अस्पताल में सफल ऑपरेशन करने वाले न्यूरोसर्जन डॉ. डी.एच. मित्तल ने बताया कि अस्पताल अत्याधुनिक संसाधनों से सुसज्जित है। यहां हर तरह के ब्रेन ट्यूमर का इलाज हो रहा है। अब तक अनेकों ऑपरेशन हो चुके हैं। ब्रेन ट्यूमर के मरीजों का इलाज दवाई से नहीं होता। इसका एकमात्र इलाज सर्जरी कर ट्यूमर को निकालकर किया जाता है। जितनी जल्दी आपरेशन होता है, उतना अच्छा रिजल्ट मिलता है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी के लक्षण सिर दर्द, याददाश्त कमजोर होना, आवाज में बदलाव आना, हाथ-पैर में लकवे का असर आना, चलने में दिक्कत होना, चक्कर आना, नजर का कमजोर होना आदि हैं। ऐसी किसी भी लक्षण होने पर मरीज को तुरंत न्यूरो सर्जन से जांच करवा लेना चाहिए।

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