नौकरी पाने वर्षों से भटक रहा भू विस्थापित प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद समस्या का समाधान नहीं

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कोरबा@M4S: एसईसीएल की कोयला खदान से प्रभावित भू- विस्थापितों की परेशानी कम नहीं हो रही है। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद प्रबंधन समाधान तो कर रहा है लेकिन आज भी कई लोग नौकरी, मुआवजा और बसाहट को लेकर परेशान हैं।इसमें सुआभोड़ी निवासी लोकेश कुमार भी शामिल है। लोकेश के नाम पर गांव में 0.58 एकड़ जमीन है। इसे प्रबंधन ने खदान विस्तार के लिए अधिग्रहित किया है। अभी तक लोकेश को नौकरी नहीं मिली है। जमीन के बदले मुआवजा और बसाहट तक उपलब्ध नहीं कराई गई है।


इसे लेकर लोकेश परेशान है। सभी मांग को लेकर दीपका प्रबंधन और कोरबा जिला प्रशासन का चक्कर लगा रहा है। सुनवाई नहीं हो रही है।इस बीच प्रबंधन ने लोकेश की जमीन का अधिग्रहण कर काम शुरू कर दिया है। उसके घर की बिजली लाइन काट दी गई है। पानी के लिए भी परिवार को परेशान होना पड़ रहा है।लोकेश ने बताया कि पीने के लिए डेढ़ से दो किलोमीटर दूर तक पानी लेकर आना पड़ रहा है। प्रबंधन की मनमानी से परेशान हैं।बताया जाता है कि इस मसले को लेकर दीपका प्रबंधन की ओर से 30 नवंबर 2022 को कोरबा के अपर कलेक्टर को एक पत्र लिखा गया है। प्रशासन को लोकेश के प्रकरण की जानकारी दी गई है। घटते क्रम में रोजगार उपलब्ध कराने से संबंधित सूची में सुधार करने कर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। यह प्रक्रिया प्रशासनिक स्तर पर चल रही है।इस बीच लोकेश कई बार अपनी मांग को लेकर दीपका प्रबंधन तक पहुंचा। उसकी सुनवाई नहीं हुई। लोकेश भू- विस्थापितों के आंदोलन का हिस्सा बनाकर अपने लिए संघर्ष करने लगा। इस बीच प्रबंधन ने लोकेश के पिता रामचन्द्र को नोटिस थमा दिया। रामचन्द्र पर अपने पुत्र को नहीं संभालने का आरोप लगाया। खदान में घुसकर गाली गलौच करने का आरोप लोकेश पर लगाया।

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