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पैसो के लिए शव को परिजनों को देने से किया अस्पताल प्रबंधन ने बनाया बंधक
कोरबा@M4S:कोरबा के मुड़ापार निवासी सेवानिवृत एस ई सी एल कर्मी की 8 बेटियों में सबसे छोटी,लाड़ली और होनहार नेशनल आर्चरी खिलाडी मिनीमाता गर्ल्स कालेज बी ए फर्स्ट ईयर की छात्रा १९ वर्षीय शांति धांधी ने डॉक्टरों की लापरवाही और धनलिप्सा के आगे आखिरकार जिंदगी के सामने घुटने टेक दिए, शोक संतप्त परिवार को यहाँ उस वक़्त भी राहत नहीं मिली जब अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के लिए 6 लाख रुपये लेने के बाद भी 2 लाख रुपये की बकाया राशि देने की बात कहकर शव उन्हें देने से इंकार कर दिया और मीडिया और कलेक्टर पी दयानंद पहल के बाद शव को अपोलो प्रबंधन ने सौंपा।
14 मार्च को पेट दर्द की शिकायत और चेकअप के लिए अपोलो अस्पताल पहुंची शांति ने ये कभी नहीं सोचा था की उसकी जिंदगी मात्र 14 दिनों की ही है, अलग-अलग कई टेस्ट करने के बाद डॉक्टरों ने लिवर इंफेक्शन की बात कहकर उसे अस्पताल में भर्ती किया और शुरू हुआ पैसो का खेल मात्र 14 दिनों में ही परिजनों ने अपनी लाड़ली की जान की कीमत चुकाने के लिए अपनी सारी जमा पूंजी 6 लाख रुपये प्रबंधन को दिए पर रविवार उनके हिस्से उनकी बेटी की मौत ही आई, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गम्भीर आरोप लगाए और कहा की उनकी बेटी को जिंदगी की बजाये यहाँ के डॉक्टरों ने मौत दी है.रोते-बिलखते परिजनों ने जब शव ले जाने की तैयारी की तो अस्पताल प्रबंधन ने मानवता को तार-तार करते हुए शव को बंधक बना लिया और बकाया 2 लाख रुपये देने की बात कही हो-हल्ला होने के बाद मिडिया कर्मियों और कोरबा कलेक्टर की पहल के आगे प्रबंधन की आँखे खुली और उन्होंने परिजनों को शव सौंपा।