निकम्मा कहे जाने पर सचिन पायलट ने बयां किया दर्द, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दी यह सीख

- Advertisement -

नई दिल्ली(एजेंसी):कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट को मना लेने की कामयाबी के साथ राजस्थान सरकार के लिए सियासी संकट को भी टाल दिया है। लेकिन यह सवाल अब भी कायम है कि जिस तरह की तल्खी हाल के दिनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट के खिलाफ दिखाई और उन्हें निकम्मा तक कह डाला, क्या हाथ के साथ दोनों नेताओं के दिल भी मिल पाएंगे? पायलट ने अपने खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों को लेकर दर्द बयां किया है तो लगे हाथ गहलोत को राजनीति में संवाद का स्तर बनाए रखने की सलाह भी दी है।

सचिन पायलट ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ”जो कहा गया, मुझे दुख है उस बात का, पीड़ा है, मुझे दर्द भी है कि इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया, लेकिन मैंने इस समय भी प्रतिक्रिया नहीं दी थी, आज भी नहीं देना चाहता हूं, मैं समझता हूं जिसने जो कहा उसे भूल जाना चाहिए।”

संवाद की मर्यादा कायम रखने की सलाह देते हुए पायलट ने कहा, ”राजनीति में संवाद का जो एक स्तर है, उसे मेंटेन करना चाहिए। राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष, व्यक्तिगत ईर्ष्या, व्यक्तिगत भावना नहीं होनी चाहिए। मुद्दों और नीतियों पर काम करना चाहिए।”

उपमुख्यमंत्री का पद वापस किए जाने को लेकर पायलट ने कहा, ”मैंने कोई डिमांड नहीं रखी है पार्टी से। मैं एक कार्यकर्ता और एमएलए बनकर काम कर रहा हूं और करता रहूंगा, जो मुझे पार्टी बोलेगी, मैं करूंगा।” भूमिका को लेकर दोबारा पूछे जाने पर पायलट ने कहा, ”इसको पार्टी को तय करना है, लेकिन मैं इस मिट्टी के लिए समर्पित हूं, रास्थान के लोगों का मुझ पर अहसान है, मैं आखिरी दम तक काम करता रहूंगा।”

विवाद को लेकर पायलट ने कहा, ”हम लोगों ने जो मुद्दे उठाए थे वह शासन के थे, कार्यकर्ताओं को महत्व कैसे मिले। विधायकों के काम कैसे हों, और जो शासन करने की क्षमता है, वह सीमित ना रहे, वह सब लोगों में बराबरी से बंटे ताकि सभी लोग अपने आप को भागीदार महसूस कर सकें। कार्यकर्ता खुश हैं कि हमने उनकी बात रखी है। जिन लोगों ने खून पसीना बहाकर काम किया, उन लोगों की भागीदारी के लिए यदि कोई सुझाव दे रहा हो तो कार्यकर्ता उस बात को देखकर प्रसन्न होगा।

क्या कहा था गहलोत ने?
सचिन पायलट द्वारा सरकार गिराए जाने की आशंका को लेकर अशोक गहलोत ने 20 जुलाई को जमकर उन्हें कोसा था। उन्होंने कहा, एक छोटी खबर भी नहीं पढ़ी होगी किसी ने कि पायलट साहब को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाना चाहिए। हम जानते थे कि वो (सचिन पायलट) निकम्मा है, नकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है खाली लोगों को लड़वा रहा है। वह (सचिन पायलट) पिछले छह महीने से बीजेपी के समर्थन से सरकार को गिराने की साजिश रच रहे थे। जब भी मैं कहता था कि वह सरकार को अस्थिर करने में लगे हुए हैं, तब मेरी बात पर कोई विश्वास नहीं कर रहा था। किसी को नहीं पता था कि इतनी मासूम शक्ल वाला शख्स ऐसा करेगा। मैं यहां सब्जी बेचने के लिए नहीं आया हूं। मैं मुख्यमंत्री हूं।’

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!