पटना(एजेंसी):पटना पुलिस की एसआईटी ने जब सुशांत सिंह राजपूत की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आयीं। सूत्रों की मानें तो छह माह में सुशांत सिंह ने महज 59 आउटगोइंग कॉल की थी।
एक फिल्म स्टार के मोबाइल पर अगर एक हजार कॉल भी आती तो शायद उन्हें कम माना जाता। मगर सुशांत के मोबाइल से महज 59 कॉल थी। पूरे साल में अपने पिता केके सिंह से उन्होंने महज छह बार बात की थी। यह माना जा रहा है कि रिया चक्रवर्ती ने उन्हें ऐसा कर दिया था कि सुशांत अपने परिवार वालों से लेकर बाहरी दुनिया से भी पूरी तरह से कट गए थे। रिया ने उनके फोन कॉल तक पर रोक लगा रखी थी।
बहनें बाहर खड़ी थीं, रिया ने नहीं मिलने दिया था
पुलिस सूत्रों की मानें तो सुशांत के एक कर्मी ने बताया कि एक बार सुशांत की दो बहनें उनके परेशान रहने की खबर सुनकर उनसे मिलने पहुंची थीं। बहनों ने सुशांत को मैसेज किया- हमलोग तुम्हारे घर के नीचे हैं। मिलना चाहते हैं। हमारे साथ तुम्हारा पुराना कुक भी है। इसके तुरंत बाद जवाब आया-आज नहीं मिल सकते। उस रोज करीब एक घंटे तक दोनों बहनें नीचे खड़ी रहीं। पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी कि सुशांत की बहनों को जवाब और किसी ने नहीं बल्कि रिया चक्रवर्ती ने दिया था। उस वक्त सुशांत दवा खाने के बाद सोये हुए थे। रिया नहीं चाहती थी कि वे अपनी बहनों से मिलें।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी व पुलिस की चिट्ठी के बाद क्वारंटाइन से मुक्त हुए एसपी
पटना के सिटी एसपी (मध्य) विनय तिवारी को मुंबई में होम क्वारंटाइन से मुक्त कर दिया गया है। गुरुवार की देर रात बीएमसी द्वारा यह निर्णय लिया गया। 2 अगस्त से मुंबई में क्वारंटाइन किए गए आईपीएस अफसर विनय तिवारी इसे मुक्त होने के बाद शुक्रवार की रात पटना लौट आए। माना जा रहा है कि सुशांत सिंह मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और पुलिस मुख्यालय द्वारा इसका हवाला देते हुए लिखे गए पत्र के बाद बीएमसी ने उन्हें क्वारंटाइन से मुक्त किया।
7 दिनों के अंदर मुंबई छोड़ने की शर्त लगाई थी
आला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार की देर रात आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को बीएमसी के अफसरों ने बताया कि उन्हें क्वारंटाइन से मुक्त किया जा रहा है। इसके साथ एक शर्त भी लगा दी। शर्त के मुताबिक उनके मुंबई आने की तारीख से 7 दिनों के अंदर वापस जाना होगा। वह 2 अगस्त को मुंबई पहुंचे थे। शर्त के तहत 8 अगस्त से पहले उन्हें हर हाल में मुंबई छोड़ना था। उन्होंने रात में ही डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय को फोन कर इसकी सूचना दी।
वाया हैदराबाद लिया गया हवाई जहाज का टिकट
क्वारंटाइन से मुक्त किए जाने और 8 अगस्त से पहले मुंबई छोड़ने की शर्त को देखते हुए आला अधिकारियों ने उनके लौटने के लिए टिकट का इंतजाम शुरू कर दिया। पटना के लिए सीधे टिकट उपलब्ध नहीं होने के बाद मुंबई से वाया हैदराबाद फ्लाइट की टिकट ली गई। जिसके बाद शुक्रवार की रात वह पटना पहुंचे।