कोरबा@M4S:प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिये किसानों के पंजीयन की अवधि दस नवंबर तक बढ़ानेे के बाद जिले में अभी तक नये-पुराने मिलाकर 29 हजार 906 किसानों का पंजीयन पूरा कर लिया गया है। इन पंजीकृत किसानों का धान फसल का रकबा 44 हजार 481 हेक्टेयर है। जिले में इस वर्ष अभी तक समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिये तीन हजार 773 नये किसानों ने सहकारी समितियों में अपना पंजीयन करा लिया है। पिछले वर्ष धान खरीदी के लिये जिले में 27 हजार 694 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से इस वर्ष रकबा सत्यापन के बाद 691 किसानों का पंजीयन निरस्त हुआ है और 870 किसानों की रकबा सत्यापन के बाद खसरा प्रवृष्टि बाकी है। जिसे अगले दो दिनो में पूरा कर लिया जायेगा। अभी तक पिछले वर्ष के पंजीयन अनुसार 26 हजार 133 किसानों के धान के रकबे के सत्यापन के बाद 40 हजार 516 हेक्टेयर रकबे की सोसायटी माॅड्युल में खसरा प्रवृष्टि कर ली गई है। इसी प्रकार तीन हजार 773 नये पंजीकृत किसानों के तीन हजार 965 हेक्टेयर धान के रकबे की इंट्री सोसायटी माॅड्युल में हो चुकी है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने शेष बचे किसानों के धान के रकबे के सत्यापन काम में तेजी लाकर पांच नवम्बर तक सत्यापन का काम पूरा करने के निर्देश सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारांे और नायब तहसीलदारों सहित पटवारियों को दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्णय के बाद राज्य में धान और मक्का खरीदी के लिये किसानों के पंजीयन की अवधि दस दिन बढ़ा दी गयी है। अब खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का बेचने वाले नये किसानों का पंजीयन दस नवम्बर तक किया जा रहा है। पहले किसानों के पंजीयन की तिथि 31 अक्टूबर निर्धारित थी। नये किसानो को पंजीयन के लिए क्षेत्र की सहकारी समिति से आवेदन प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा। आवेदन में उल्लेखित भूमि, धान-मक्का के रकबे एवं खसरे का पटवारी द्वारा राजस्व रिकाॅर्ड के अनुसार सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा। संबंधित रिकाॅर्ड को तहसीलदार के द्वारा परीक्षण करने के बाद नये किसान का पंजीयन किया जाएगा। पंजीयन के दौरान सभी किसानों का आधार नंबर उनकी सहमति से दर्ज किया जाएगा। आधार नंबर नहीं होने के कारण किसी भी किसान को पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा।
धान एवं मक्का खरीदी के लिये जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीयन करा लिया था, उन्हें नए पंजीयन की जरूरत नहीं है। पिछले सीजन में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान और मक्के के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग द्वारा अद्यतन किया किया जा रहा है। खरीफ वर्ष 2020-21 में किसान पंजीयन के लिए पिछले वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों का डाटा कैरी-फाॅरवर्ड किया गया है। धान और मक्का बेचने के इच्छुक नए किसान दस नवम्बर तक पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं। धान-मक्का बेचने वाले नए किसान पंजीयन के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। पुराने पंजीकृत किसान अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं तो समिति माॅड्युल के माध्यम से संशोधन करने की सुविधा दी जा रही है।
धान खरीदने 29 हजार 906 किसानों का पंजीयन पूरा, दस नवंबर तक जारी रहेगा पंजीयन इस वर्ष तीन हजार 773 नये किसानों का पंजीयन, पिछले पंजीकृत किसानों में से 26 हजार 133 सत्यापन पूर्ण
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