वाराणसी(एजेंसी): धनतेरस और दिवाली के लिए सजे बाजार में चांदी के नोट और ताश के गोल्डन पत्तों ने भी धूम मचा रखी है। बाजार से दो हजार के नोट भले ही गायब हो गए हों लेकिन आभूषणों की दुकानों, प्रतिष्ठानों में चांदी के दो हजार के नोट खूब नजर आ रहे हैं। इसके अलावा परंपरागत के साथ चांदी के हल्के सिक्के भी ग्राहकों की पसंद हैं।
सोने के मुकाबले चांदी के दाम में बहुत ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है। इस नाते मध्यम आय वर्गीय परिवार भी चांदी के बर्तनों व अन्य डिजाइनर उत्पाद की खरीदारी कर रहे हैं।
चांदी के नोट दो ग्राम से पांच ग्राम तक के वजन में उपलब्ध हैं। दो ग्राम के चांदी के नोटों की कीमत 200 रुपये के आसपास है। सोने के बने ताश के पत्ते भी कम वजन में उपलब्ध हैं। इनका मूल्य पांच से आठ हजार रुपये है। अभी एक तोला पुरानी चांदी से बने सिक्के (राजा-रानी प्रकार) 750-800 रुपये में मिल रहे हैं। वहीं गणेश -लक्ष्मी अंकित चांदी के सिक्के भी पांच ग्राम से 100 ग्राम के बजन में उपलब्ध हैं। पांच ग्राम वजनी सिक्कों की कीमत 250 रुपये के आसपास है।
उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ के जिला महामंत्री किशोर सेठ ने बताया कि चांदी के दाम में ज्यादा उछाल न आने से बाजार में इनकी मांग अधिक है। इस बार कुछ नए डिजाइनर उत्पाद भी आए हैं। सराफा कारोबारी अनिल सेठ ने बताया कि धनतेरस का बाजार अब चढ़ने लगा है। बाजार में हल्के वजन के चांदी के सामान आए हैं जिन्हें लोग पसंद भी कर रहे हैं।
चांदी के कैलेंडर भी
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के दौरान सामान्य तौर पर कागज के कैलेंडर लगाए जाते हैं। उन पर प्रतीक चिन्ह के साथ ग्वालिन के चित्र भी होते हैं। पहली बार दिवाली पर चांदी के कैलेंडर आ गए हैं। ये कैलेंडर तीन से चार हजार रुपये में उपलब्ध हैं।