कोरबा@m4s: एसईसीएल के दीपका खदान में हादसे का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा। दीपका खदान में कोयले के अंगार से दहकते गड्ढे में गिरने से मजदूर गंभीर रूप से झुलस गया। इसके साथ लीपापोती का प्रयास शुरू कर दिया गया। मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को नही दी गई। जब अस्पताल पुलिस की सूचना पर दीपका पुलिस खदान पहुंची तो घटनास्थल के संबंध में स्पष्ट जानकारी देने से बचने का प्रयास किया गया। मामले में अब तक ठेकेदार भी बयान दर्ज कराने थाना नही पहुंचा है।
बताया जा रहा है कि एसईसीएल प्रबंधन ने दीपका खदान में कोयले के स्टाक में लगने वाली आग को बुझाने का ठेका किसी अरविंद कुमार नामक ठेकेदार को दिया है। ठेकेदार के पास चैतमा निवासी परसराम 38 वर्ष बतौर मजदूर काम करता था। वह प्रतिदिन की तरह रविवार की सुबह भी काम पर गया हुआ था। परस कोयले में लगी आग को बुझाने पाइप खींच रहा था। इसी दौरान वह एक गड्ढे में जा गिरा। इस गड्ढे में पहले से ही कोयला का अंगार दहक रहा था, जिससे परस गंभीर रूप से झुलस गया। यह खबर मिलते ही ठेका कंपनी का मुंशी साहेब लाल मौके पर पहुंचा। उसने किसी तरह गंभीर रूप से झुलसे मजदूर को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में दाखिल कराया, जहां से उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया। जिसकी सूचना मेमो के माध्यम से अस्पताल पुलिस को मिली। मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल पुलिस ने कार्यापालिक दंडाधिकारी को अवगत कराया। कार्यपालिक दंडाधिकारी ने अस्पताल पहुंचकर मजदूर का मरणासन्न कथन दर्ज कर लिया। इसके कुछ ही देर बाद मजदूर को सघन उपचार के लिए सिम्स रेफर कर दिया गया। सिम्स में दो दिनों तक चले इलाज के बाद मजदूर की मौत हो गई। उसके शव को वैधानिक कार्रवाई उपरांत परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
दीपका खदान में हुआ हादसा, उपचार के दौरान मौत मामले में लीपापोती का चलता रहा प्रयास
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