कोरबा@M4S: एसईसीएल की विभागीय कॉलोनियों में साफ सफाई के नाम पर हर साल लाखों रुपए खर्च की जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर साफ सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। कागजों में चल रहे साफ-सफाई के कारण मेगा परियोजना के गेवरा दीपका कॉलोनी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जिसकी वजह से कोयला कर्मी व उनके परिजन परेशान हैं। गंदगी व बदबू से संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
एसईसीएल के गेवरा आवासीय परिसर पुराना एमडी के समीप गंदगी भरी पड़ी है। जबकि प्रबंधन द्वारा साफ सफाई के नाम पर लाखों का ठेका दिया गया है, लेकिन सफाई कहां हो रही है कहां नहीं हो रही है इसे देखने की फुर्सत सिविल विभाग के अधिकारियों के पास नहीं है। एसईसीएल की कालोनियों में साफ-सफाई की कमी कोई नई बात नहीं है। गंदगी को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी मोर्चा खोलना पड़ चुका है। विगत कुछ माह पूर्व गेवरा कालोनी में जनप्रतिनिधियों ने स्वयं साफ-सफाई कर विरोध जताया था।
इसके बाद भी प्रबंधन की नींद नहीं खुली है। इस दौरान कालोनीवासियों ने भी अपना- आक्रोश जाहिर किया था, लोगों को लग रहा था कि इस विरोध प्रदर्शन के बाद स्थिति में सुधार होगा। इसके अलावा विभिन्न यूनियन नेता भी व्यवस्था सुधार को लेकर पत्राचार करते रहे हैं।साफ सफाई में बरती जा रही लापरवाही के कारण कॉलोनी में हर तरफ गंदगी ही गंदगी नजर आती है। दीपका कालोनी के पुराना एमडी क्वार्टर नंबर 265, 332, 321, 340, 369 और 353 के पास कचरे का ढेर लगा है। इसी तरह गेवरा आजाद चौक के पुराना एमडी के समीप डस्टबीन भरा पड़ा है। कचरा नाली में गिरने के कारण जाम की स्थिति है। अन्य कई ब्लॉक भी इसी समस्या से घिरे हुए हैं। एसईसीएल गेवरा दीपका प्रबंधन द्वारा हर साल साफ सफाई के नाम पर लाखों रुपए का ठेका दिया जाता है। इसके बाद भी कॉलोनियों में साफ सफाई नहीं की जा रही है। सिविल विभाग के अधिकारी शिकायत के बाद भी गंभीर नहीं हैं। ठेका कार्यों के साफ सफाई की मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है।बीमारियां फैलने का खतरा अधिक होता है। गेवरा दीपका के सिविल विभाग के अफसरों व कर्मियों की मनमानी के चलते गंदगी ने कर्मियों और उनके परिजनों का जीना मुहाल कर दिया है। अव्यवस्था को लेकर उनमें आक्रोश भडक़ने लगा है। आलम यही रहा तो कर्मी व उनके परिजन सिविल विभाग के खिलाफ मोर्चा भी खोल सकते हैं।कर्मचारी सिविल विभाग में शिकायत भी करते हैं। परंतु महीनों गुजर जाने के बाद भी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता। कुछ इसी तरह की स्थिति दीपका कॉलोनी में भी बनी हुई है, जहां कॉलोनी के बीचो बीच गंदगी भरी पड़ी है, नाली जाम है।