दशहरा के दिन भी आंदोलन जारी, रोजगार की मांग को लेकर चौथे दिन भी सत्याग्रह आंदोलन जारी

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आउट सोर्सिंग कंपनियों में नरईबोध समेत प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग
9 अक्टूबर को गेवरा खदान बंद करेंगें प्रभावित भूविस्थापित

कोरबा@M4Sछत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में नरईबोध समेत अन्य प्रभावित गांव के भूविस्थापित किसानों ने आउट सोर्सिंग कंपनियों में प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100% रोजगार देने की मांग को लेकर महात्मा गांधी के जयंती के दिन सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया जो चौथे दिन भी जारी रहा। किसान सभा ने प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार मिलने तक अनिश्चित कालीन आंदोलन की घोषणा की है। नरईबोध के पास खदान से लगे विस्तार क्षेत्र में लाल झंडा लगाते हुए पंडाल लगाकर धरना चौथे दिन दशहरा त्योहार के दिन भी जारी रखा और रोजगार और गांव की अन्य समस्याओं का समाधान होने तक विस्तार को रोकने की मांग करते हुए रोजगार की समस्या का समाधान नहीं होने पर 9 अक्टूबर को गेवरा खदान बंद करने की तैयारी में जुट गए हैं।

उल्लेखनीय है कि किसान सभा के नेतृत्व में रोजगार और पुनर्वास की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है। किसान सभा के समर्थन से भूविस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा कुसमुंडा में 340 दिन से रोजगार के लिए अनिश्चित कालीन धरना जारी है और अब गेवरा में भी अनिश्चित कालीन आंदोलन शुरू हो गया है।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि खदान विस्तार से प्रभावित गांव के बेरोजगारों का पहला हक हर रोजगार पर है और प्रभावितों को रोजगार मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।

आज के आंदोलन में प्रमुख रूप से जय कौशिक, इंदल दास,गुलाब दास,सोनू,राजू दास,विजय दास,माखन यादव,रामफल, उजाला,मन्नू चौहान, फिरतु दास, मंगल, आशीष, होरीलाल, सत्रुहन,दिलहरण, श्याम रतन,देवनारायण, शिव कुमार, प्रेम के साथ सैकड़ों प्रभावित भू विस्थापित किसान उपस्थित थे।

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