डॉक्टर गजेंद्र तिवारी के सार्थक सोच के कारण गरीब बच्चों के घरों में जलेंगे दीवाली में दिए

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कोरबा@M4S:आज का दिन शासकीय प्राथमिक शाला नर्सरी पारा तथा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला रंगोले के बच्चों के लिए नई सौगातें लेकर आया बेहद गरीब घर के चिन्हांकीत 6 बच्चों को छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली के शिक्षाविद प्राचार्य एवं कैरियर काउंसलर डॉ गजेंद्र तिवारी के द्वारा समस्त बच्चों के लिए नए कपड़े,मिठाईयां ,दीया और बाती तेल,व पटाखे व शुभकामनाएं बच्चों को प्रदान किए गए उक्त सुकृत्य को ग्रामीणों द्वारा मुक्त कंठ से सराहना की गई संभवत: यह पहला व अद्वितीय कार्यक्रम होगा जो एक मानवता के नाम पर समर्पित किया गया जिन बच्चों को दीपावली में उपहार दिया गया उनमें से दो आयुष व आर्यन कक्षा सातवीं के छात्र हैं घर में विपरीत परिस्थितियां निर्मित है मां बीमार है खेती खार का अभाव है बच्चे छोटे-छोटे पढ़ रहे हैं तथा पिता मजदूरी करते हैं अभय नाम का बालक कक्षा आठवीं जिसका घर तत्कालीन और उसके बाढ़ के चपेट में आने के कारण बह गया मजबूरन झोपडी में निवास कर पढ़ाई को जारी रखा गया है इसी तरह कुमारी नैना उसका भाई संयुक्त परिवार से है और गरीबी की मार झेल रहे हैं माता पिता मजदूरी करते हैं घर में बच्चों को खिलाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगा रखे हैं समय से पहले उम्र दराज दिखाई दे रहे हैं ऐसी भी है जो शिक्षक से अधिक स्नेह रखती है अपने जन्मदिन को शिक्षक के बगैर मनाना उचित नही समझा दोनों अदिति नाम की बच्ची पढ़ाई में अव्वल है कुल मिलाकर शासकीय प्राथमिक शाला नर्सरीपारा की शान है यह बच्चे
डा गजेंद्र तिवारी जी ने इन बच्चों की काबिलियत व परिस्थिति दोनों को ध्यान में रखा सभा में बैठने के पहले कोविड-19 का पूर्णता पालन किया गया एवं सैनिटाइज किया गया तथा सभी मास्क पहनकर उपस्थित रहे उद्बोधन भाषण मे श्री वीरेंद्र जगत ने कहा कि हमारे सरकारी स्कूल में उक्त कार्यक्रम से शिक्षकों में नई जागरूकता का संचार होगा तथा सरकारी स्कूल को हमारी स्कूल बनाने में हम सफल हो जाते हैं

डा तिवारी ने जो किया उसे हम भुला नहीं सकते तत्पश्चात शिक्षाविद डॉक्टर गजेंद्र तिवारी ने अपने अंदाज में कहा कि हम सबसे पहले शिक्षक हैं जो दुनिया में श्रेष्ठ होता है निर्माण व प्रलय के जनक होते हैं शिक्षक की सोच ही है जो संसार का सब कार्य कर सकते हैं वह बच्चों का जीवन संवार सकते हैं हम जैसा सोचेंगे हमें वैसे ही संस्कार और संस्कृति आने वाले दिनों में विरासत में मिलेंगे
आज मुझे गर्व हो रहा है कि बच्चों के ग्रामीण परिवेश व जीवन को सामने रहकर निहारने का मौका मिल रहा है सभी लोगों को जो भी समाज के लिए अच्छा कर सकते हैं करना चाहिए जिससे हमारा समाज या देश विश्व गुरु बना रहे मां सरस्वती के आह्वान से पूरा वातावरण ममतामई हो चला था मातृ शक्तियों मे भी ऊर्जा से ओतप्रोत दिखी बच्चे व ग्रामीणों ने इस प्रकार के कार्यों को पूर्णा के कहर से मार दिलाने व जीवन को नई उमंग के साथ जीने के लिए रामबाण कहा एक तरफ बच्चे खुश हैं तो दूसरी तरफ शिक्षक व ग्रामीण उक्त कार्यक्रम में कोविड-19 का पूर्णता पालन किया गया अभी हाल ही में डॉक्टर गजेंद्र तिवारी जी के द्वारा पालकों को पर एक नवाचार किया गया है जिसमें बच्चे मासिक मूल्यांकन दिला करके उनकी कॉपी को पालक मूल्यांकन करके उन्हे ग्रेड या अंक को संस्था प्रमुख को बताएंगे इससे भी पालकों में अच्छा खासा उत्साह है पालकों का कहना है कि इस प्रकार के प्रयोग से बच्चों में गुणात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है यह संस्था प्रमुख डॉक्टर तिवारी का सराहनीय और अनुकरणीय प्रयास है इसे सभी पालक एवं छात्र छात्राओं में हर्ष व्याप्त है
डा . तिवारी ने अपने संबोधन में प्रकाश पर्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस त्यौहार में हर तरफ खुशहाली और प्रेम का प्रकाश फैले इसके लिए हम सभी को गरीबों के घर तक पहुंचना चाहिए और उन्हें उपहार भेंट कर उनके चेहरे पर भी खुशी लाने का प्रयास करना चाहिए इसके उपरांत कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री रायसिंह शत्रुघ्न दास महंत श्री बीएस जगत लाफा सीएसी श्रीजे एस पैकरा शिक्षक गुरदीप नेताम मनोज बनर्जी प्रेम सोनी ओम प्रकाश ईश्वर रामायण कुमार राजमती आदि उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन शिक्षक सुनील जायसवाल ने किया ।

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