ट्रैफिक व्यवस्था हो रही फुस्स, अमला जुटा जांच में आए दिन लग रहे जाम से लोग परेशान

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कोरबा@M4S: सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान लगातार सड़क हादसे घटित होते रहे ।सुरक्षा सप्ताह समापन के बाद भी ट्रैफिक व्यवस्था सुधरी हो ऐसा नहीं है ।दिन में कई बार ट्रैफिक व्यवस्था का हाल बिगड़ रहा है ।मगर दूसरी ओर यातायात हमला विभिन्न चौक चौराहों पर जांच में जुटा हुआ है ।जिसका कोई खास फायदा भी होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि इससे खजाना जरूर भर रहा है।


सड़क हादसों पर अंकुश लगाने, अवैध धंधों को रोकने व यातायात नियमों का पालन कराने के संबंध में जिले की यातायात व पुलिस विभाग किस हद तक सफल हुई है, यह तो हम नहीं जानते, लेकिन ट्रैफिक नियमों को लेकर हो रही कार्रवाई से शहर का व्यापारी वर्ग काफी परेशान है। जिले में चौक चौराहों पर लगातार चेकिंग ट्रैफिक विभाग व पुलिस विभाग के द्वारा की जा रही है।इससे कोरबा जिले के व्यापारी वर्ग को काफी नुकसान हो रहा है । ग्रामीण शहर में व्यापार करने आते हैं लेकिन जैसे ही उन्हें चेकिंग की जानकारी मिलती है वे उल्टे पैर वापस लौट जाते हैं इससे व्यापार में काफी नुकसान हो रहा है। शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुधारने की बजाय यातायात पुलिस शहर में जुर्माना वसूली अभियान चलाती नजर आ रही है। शहर की यातायात व्यवस्था की गवाही देते हुए व्यक्ति हर दिन जाम के चंगुल में फंसा नजर आता है। शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए कई बार कवायद भी शुरू की गई, लेकिन यातायात विभाग के इस रवैए के कारण व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आया।जिला मुख्यालय के शहर के अंदर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है, सडक़ों पर अतिक्रमण देखते ही बनता है, बस स्टैंड पूरी तरह से अव्यवस्थित हो चुका, पावर हाउस रोड, टीपी नगर निहारिका व अन्य प्रमुख स्थानों पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है लेकिन यातायात विभाग इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता।ट्रैफिक व्यवस्था किस कदर बदहाल है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर के व्यस्ततम टीपी नगर क्षेत्र में बीच सड़क पर ट्रकों को खड़ा कर उन्हें ठीक किया जाता है । यही नहीं इस क्षेत्र की सड़क की दुर्दशा है जिसके कारण भी यातायात व्यवस्था काफी बाधित होती है।शुरुआती दौर में पुलिस अधीक्षक ने कमान संभाली तो सब की हालात सुधर गये थे, लेकिन अब यातायात विभाग अपने पुराने ढर्रे में पहुंच गया है। ओवरलोड ट्रक, कैप्सूल, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, बस नियम तोड़ते दौड़ रही है, इन पर कार्यवाही कभी कभार देखने को मिलती है, जो कहीं न कहीं पुरानी व्यवस्था की ओर इशारा कर रहा है। लोगों का कहना है कि केवल राहगीरों को यातायात नियमों के उल्लंघन के नाम पर परेशान किया जा रहा है। पूरे जिले के अंदर इस तरह का खेल खेला जा रहा है लेकिन किसी को इनके खेल से कोई लेना-देना नहीं।शहर के चौक चौराहे,फुटपाथ पर अतिक्रमण फैला हुआ है यातायात पूरी तरह से बाधित हो रहा है लेकिन यातायात विभाग के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।

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