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कोरबा@M4S: समय पर मेंटेनेंस कराए जाने के दावों के बीच कोरबा जिले में नेशनल एंबुलेंस सर्विस 108 के वाहन कभी भी, कहीं भी खड़े हो जा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को अस्पताल लाने और यहां से छोडऩे के काम में बाधा आ रही है। अधिकांश मामलों में देखा जा रहा है कि 108 संजीवनी एम्बुलेंस टोचन के भरोसे हो गई है।
मरीजवाहिका के नाम से पहचानी जाने वाली 108 एंबुलेंस सर्विस कोरबा जिले के मामले में समस्या मूलक बनी हुई है। लगातार विभिन्न क्षेत्रों से इस प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि कब एंबुलेंस खराब होकर खड़ी हो जाए, कुछ भी कहा नहीं जा सकता। इस स्थिति में इवेंट्स मिलने वाली जगह पर संबंधित वाहन सही समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। सर्वमंगला नगर क्षेत्र से एक मरीज को लेने के लिए एंबुलेंस अस्पताल से निकली थी कि उस में तकनीकी खराबी आ गई। चालक और स्टाफ ने लाख प्रयास किया लेकिन कोई नतीजा नहीं आखिरकार दूसरी एंबुलेंस के जरिए बिगड़ी एंबुलेंस को टोचन कर सही जगह भेजने का काम किया गया। चालक राजेश कुमार ने बताया कि मरीज को लाने के लिए दूसरी एम्बुलेंस भेज दी गई है।दावा किया जा रहा है कि 10 हजार किलोमीटर रनिंग के बाद एंबुलेंस की सर्विसिंग कराई जाती है।अगर दावे सही है तो सवाल यह है कि बार-बार 108 संजीवनी को तकनीकी उपचार की जरूरत क्यों पड़ रही है।