कोरबा@M4S: कोयला वेतन समझौता को लेकर तीन जनवरी को होने वाली जेबीसीसीआई की बैठक में वेतन वृद्धि (मिनिमम गारंटी बेनिफिट पर सहमति के आसार हैं। अंदरखाने सूत्रों की मानें तो कोल इंडिया प्रबंधन 10.5 प्रतिशत वेतन वृद्धि के पिछली बैठक में दिए ऑफर से आगे बढ़ते हुए 15 प्रतिशत जाने की तैयारी में है।
इधर जेबीसीसीआई में शामिल यूनियनें भी 28फीसदी से नीचे 20 फीसदी तक आने के मूड में हैं। यदि ऐसा हुआ तो 16 से 20 फीसदी के बीच एमजीबी पर सहमति के आसार हैं। सूत्रों का कहना कि 17-18 फीसदी पर बात बन सकती है। सलाहकार समिति की बैठक में वेतन समझौता को लेकर कोल इंडिया प्रबंधन और यूनियन नेताओं के बीच काफी बातें हुई हैं। एपेक्स जेसीसी में चारों सेंट्रल ट्रेड यूनियन के वरिष्ठ नेता बैठक में मौजूद थे। आधिकारिक रूप से यूनियन नेता फिलहाल एपेक्स में वेतन समझौता को लेकर हुई बातचीत पर खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। वैसे यह तय है कि तीन जनवरी को होने जा रही जेबीसीसीआई बैठक में टाल-मटोल की बात नहीं होगी। कम से कम वेतन समझौता के सबसे अहम मुद्दा मिनिमम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी) पर सहमति बनाने की कोशिश होगी। सूत्र बताते हैं कि एपेक्स की बैठक में शामिल यूनियन नेताओं को कोल इंडिया की ओर से 15 प्रतिशत पिछले दिनों एपेक्स संयुक्त तक एमजीबी का संकेत दिया गया है।
तय होगा आंदोलन का रूख
जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक ही कोयला सेक्टर में आंदोलन का रूख तय करेगा। अगर बैठक में एमजीबी पर बात नहीं बनी तो फिर 7 जनवरी को होने वाले श्रमिक संगठनों के कन्वेंशन में आंदोलन की रणनीति बनेगी। श्रमिक संगठन 3 से 5 दिन खदान बंदी का ऐलान कर सकते हैं। अब पूरी नजर 8वीं बैठक पर ही टिकी हुई है। बैठक ही तय करेगा कि कोल सेक्टर में हड़ताल होगी या फिर यूनियन की मांग के अनुसार एमजीबी मिलेगा।