कोरबा – कोरबा के नए कलेक्टर बने आईएएस मोहम्मद कैसर अब्दुल हक बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुकात रखने वाले है। सर्व शिक्षा अभियान में महाप्रबंधक की जिम्मेदारी संभाल चुके अब्दुल हक अब कोरबा कलेक्टर के तौर पर जिम्मेदारी संभालेंगे। षिक्षा के प्रति उनका विषेष लगाव कोरबा में बन रहे एजुकेषन हब को आगे ले जाने में पूर्व कलेक्टर पी दयानंद की कोषिषों को नई उड़ान देने का कार्य करेगा। मुलत: मालेगांव (नासिक) के बिल्कुल ऑर्थोडॉक्स मुस्लिम फैमिली से रहने वाले अब्दुल हक के परिवार तीन बहनें डॉक्टर हैं, तीन बड़े भाई हैं, जिनमें दो टीचर और एक डॉक्टर है। सर्व षिक्षा अभियान में आने से पहले आईएएस अब्दुल हक बतौर बीजापुर कलेक्टर की कमान संभाल चुके है, इससे पहले वे रायगढ़ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के तौर पर कार्य कर चुके है। कोरबा में उनके आने से विकास कार्यो में तेजी की उम्मीद की जा रही है।
हालाकि वर्ष 2015 में कोरबा कलेक्टर के रूप में ज्वाइनिंग करने के बाद पी दयानंद ने कोरबा के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते ग्रामीण क्षेत्रों तक सरकारी योजनाओं को क्रियांवित करने पर जोर दिया है। उनके कार्यकाल के दौरान बेजा कब्जा, गैरकानूनी काम और नेताओं की सरपरस्ती में चलने वाले कई कामों पर भी रोक लगी। कलेक्टर के कई फैसलों से कोरबा के राजनेता प्रभावित हुए। लिहाजा उनका कोरबा से बड़े जिले बिलासपुर में तबादला एक तरह से उनका बेहतर परफामेंस माना जा रहा है।
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