दिल्ली(एजेंसी):प्रॉपर्टी से जुड़े कई विवाद अक्सर हमारे सामने निकलकर आते रहते हैं। ऐसी कई घटनाएं देखने को मिलती हैं, जिनमें किसी के मकान या जमीन को धोखाधड़ी से कब्जा कर लिया जाता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि अगर हमारे साथ कुछ ऐसा हो जाए, तो हम इस परिस्थिति से कैसे निपटेंगे? प्रॉपर्टी के कागजात का हमारे पास होना बहुत जरूरी है। ये कागज ही बताते हैं कि आप ही प्रॉपर्टी के असली मालिक हैं। कई बार हमारे ये प्रॉपर्टी के कागज कहीं खो जाते हैं या इसे हम किसी जगह पर रखकर भूल जाते हैं। ऐसा होने पर कोई दूसरा व्यक्ति इसका गलत फायदा उठाकर आपकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर सकता है। अगर आपकी प्रॉपर्टी के कागज कहीं पर गुम हो चुके हैं। ऐसे में सबसे पहले आपको पुलिस स्टेशन में विजिट करके इसकी एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। इसके बाद एफआईआर की एक कॉपी अपने पास सुरक्षित रख लें।
इसके अलावा आपको प्रॉपर्टी के कागजात खोने की जानकारी लिखित रूप में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन या सब रजिस्ट्रार को देनी चाहिए। इसको लेकर आप स्टांप पेपर पर अंडरटेकिंग भी जरूर बनवाएं।
इसमें प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी के साथ गुम हुए कागज, FIR और अखबार के नोटिस के बारे में भी जरूर लिखा होना चाहिए। इस प्रोसेस को करने के बाद अंडरटेकिंग को रजिस्टर कराएं। नोटिस से पास कराने के बाद आपको इसे रजिस्ट्रार के ऑफिस में जमा कराना है। इन सभी प्रोसेस को अंजाम देने के बाद आपको प्रॉपर्टी के डुप्लीकेट कागज के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस में डुप्लीकेट सेल डीड के लिए आवेदन करना है।
इसे अप्लाई करते समय आपको FIR की फोटोकॉपी, डुप्लीकेट शेयर सर्टिफिकेट, अखबार में प्रकाशित एडवरटाइजमेंट की कॉपी, नोटरी से अटेस्टेड अंडरटेकिंग और प्रोसेसिंग फीस को रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा करना है। ये करने के बाद आपके नाम एक डुप्लीकेट डीड को जारी कर दिया जाएगा।