जन संगठन निर्दलीय चुनाव लडऩे का किया ऐलान:विशाल केलकर

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कोरबा@M4S: कोरबा में सड़कों की दुर्दशा के लिए जिले के जनप्रतिनिधि जिम्मेदार है। चुनाव जीतने के बाद जनता से कोई सरोकार नहीं रह जाता है। राजनीतिक पार्टी को देखकर नहीं बल्कि प्रत्याशी के व्यक्तित्व व उसके विचारों को भांपकर मतदाताओं को मतदान करना चाहिए। जनता के हित में जो हर पल खड़ा रहे, उसे वोट देना चाहिए। यह बातें जनसंगठन के संयोजक विशाल केलकर ने पंचवटी विश्राम गृह में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए व्यक्त किए।
केलकर ने आगे कहा कि जनसंगठन लोगों के हित में काम कर रहा है। जिले के मुख्य मार्गों सहित निगम क्षेत्र की सड़कों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। परिवार का सदस्य, मित्र या फिर कोई अन्य जर्जर सड़कों के चलते दुर्घटना का शिकार ना हो जाए, इसके लिए प्रत्येक सप्ताह में हर शनिवार व रविवार के दिन स्वयं के खर्च से गड्ढों को पाटा जा रहा है और आवागमन करने वाले चालकों को राहत दे रहे हैं। इसके बाद भी चुने गए जनप्रतिनिधि आगे नहीं आए। आम जनता को हो रही समस्याओं को दूर करने उन्हें वोट देकर विधानसभा, लोकसभा व शहर की सरकार में बैठाया गया है लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है। जिले के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते जनसंगठन अस्तित्व में आया। जिससे युवाओं की टीम जुड़ी है। संगठन से जुड़े युवा सामाजिक हित में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पॉल्यूशन फेस मास्क का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है। मच्छरों से होने वाले बीमारियों से बचाव के लिए जन संगठन स्वयं के खर्चे पर फॉगिंग मशीन चला रही है। कोरबा से रायगढ़ होते हुए झारसुगुड़ा टे्रन चलाने प्रस्ताव बनाकर रेलवे डीआरएम को ज्ञापन सौंपा गया है। जिस पर रेलवे अधिकारी ने आश्वासन दिया है। करोड़ो की लागत से बने एजुकेशन हब में प्राइमरी स्कूल को संचालित किया जा रहा है जबकि यहां मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है। प्रेस वार्ता के दौरान जनसंगठन के विकास अग्रवाल, अनिल द्विवेदी, सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।
निर्दलीय चुनाव लडऩे का किया ऐलान
एक सवाल के जवाब में जनसंगठन के संयोजक विशाल केलकर ने कोरबा विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक राजस्व देने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से जिले की जनता वंचित है। कोरबा की उपेक्षा की गई है। इसके पीछे कारण जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता है। सिस्टम में फैली गंदगी को बाहर रहकर साफ नहीं किया जा सकता। राजनीति में कदम रखकर सिस्टम को साफ किया जा सकता है इसलिए उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव लडऩे का फैसला किया है।

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