जनता से पिछले डेढ़ साल का पानी बिल लेना गलत है- हितानंद 24 घंटे पानी उपलब्धता शुरू होने के उपरांत ही पानी मीटर बिल वसूला जाय

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कोरबा@M4S:”हितानंद अग्रवाल ने किया पानी मीटर बिल का विरोध”नगर निगम आयुक्त को लिखे पत्र में नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि
निगम क्षेत्र के 42 वार्डों में नगर निगम द्वारा दिए गए नल कनेक्शनों से जलापूर्ति कराई जा रही है। जलकर वसूलने हेतु नल कनेक्शनों में मीटर भी लगाया गया है। परंतु लगभग सवा से डेढ़ साल उपरांत मीटर के हिसाब से जलकर वसूलने की बात की जा रही है। लोगों के लिए बड़ी परेशानी है। पानी के बिल से संबंधित कई समस्याएं सुझाव व अनिश्चितताए हैं। जैसे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले सड़क पर टोल टैक्स उसके संपूर्ण निर्माण होने के उपरांत ही शुरू किया जाता है। उसी तरह नल जल योजना का कार्य पूर्ण होने के पश्चात ही टैक्स की वसूली शुरू की जानी चाहिए। कई स्थानों पर ना तो पाइप लाइन बिछी है, ना ही नल कनेक्शन देने की प्रक्रिया ही पूरी हुई है। जनता से पिछले डेढ़ साल का पानी बिल लेना गलत है। नगर निगम को चाहिए कि पानी के टैक्स की वसूली शुरू करने से पहले प्रत्येक वार्ड के पार्षद से यह निश्चित कर लें, कि उनके वार्ड में नल जल योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस बात को वार्ड पार्षद अपने लेटर हेड पर सत्यापित करके दें। सबसे महत्वपूर्ण, नगर निगम द्वारा मकान के टैक्स में जलकर लिया जाता है। यदि मीटर के हिसाब से जलकर लेना था तो पूर्व में ही टैक्स से जलकर का कॉलम क्यों नहीं हटाया गया। सुनने में आ रहा है, कि जलकर की वसूली निजी कंपनी के द्वारा कराई जाएगी। इसकी आवश्यकता समझ से परे है। वसूली बाहरी पार्टी से ही कराना है तो वार्ड की महिला स्व सहायता समूह को कार्य दिया जाए। इस योजना के अंतर्गत बीपीएल कार्ड धारियों को किसी भी प्रकार के छूट का कोई भी प्रावधान नहीं रखा गया है। जिस प्रकार अन्य सरकारी योजनाओं में बीपीएल कार्ड धारियों को छूट दी जाती है, उसी प्रकार नल जल योजना के अंतर्गत जलकर में प्रत्येक बीपीएल परिवार को कम से कम 200 यूनिट प्रतिमाह की छूट दी जाए। एक समस्या शुरू से ही उपभोक्ताओं द्वारा बताई जा रही है कि पानी आने के 10 से 15 मिनट या थोड़ा कम या थोड़ा अधिक समय तक मीटर तेजी से अपने आप घूमता है। यह पानी आने से पहले आने वाले हवा के प्रेशर के कारण होता है। यह जो अतिरिक्त मीटर रीडिंग बढ़ रही है, उसकी निगम ने क्या व्यवस्था की है। इस अतिरिक्त बिल का भुगतान जनता क्यों करें। नल जल योजना के प्रारंभ में ही जनता को 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने की बात कही गई थी।लोगों ने निगम का कनेक्शन अपने घरों में यही सोचकर लगवाया था, कि निगम द्वारा हमें 24 घंटे पानी उपलब्ध कराया जाएगा। 24 घंटे पानी उपलब्धता शुरू होने के पश्चात ही जलकर मासिक बिल द्वारा प्राप्त किया जाए। नल जल योजना के अंतर्गत पाइपलाइन बिछाने एवं नल कनेक्शन देने हेतु सड़कों एवं गलियों में जो खुदाई की गई, उसकी मरम्मत का कार्य भी अनेक स्थानों पर अधूरा पड़ा है। बहुत से मोहल्लों में पानी के प्रेशर को लेकर भी समस्याएं हैं। यदि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की लाइट चली जाती है, तो टंकी भरी होने के बावजूद कुछ इलाकों में पानी नहीं पहुंच पाता। अधिकारियों से पूछने पर पता चलता है कि लाइट नहीं है जब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में मोटर चलेगा तब इन मोहल्लों में पानी पहुंच सकेगा। योजना के शुरुआती चरणों में यह हाल है। पानी सप्लाई भी प्रतिदिन नियमित नहीं हो पाती है। पूछने पर पता चलता है कि टंकी नहीं भरी है। ऐसी समस्याएं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता पर सवाल खड़े करती हैं। कई जगहों पर गंदा पानी आने की भी समस्या है। जिसे दूर करने के उपरांत ही जलकर प्रारंभ करना चाहिए। नगर निगम को चाहिए कि जलकर वसूली की प्रक्रिया को लचीला बनाए, पानी सप्लाई से संबंधित समस्याओं को संज्ञान में लेकर उसके निराकरण की व्यवस्था कराएं, जिन क्षेत्रों में पाइप लाइन का कार्य अधूरा रह गया है उसे पूरा कराएं, जहां नल कनेक्शन लगने बचे रह गए हैं उन स्थानों पर नल कनेक्शन लगने की प्रक्रिया तेजी से पूर्ण कराएं।

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