रायपुर@M4S:छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज के करीब 17000 अधिकारियों कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के साथ ही सभी विद्युत कर्मियों के परिवारजनों को कोविड-19 से बचाने के लिए पावर कंपनी के डॉक्टरों ने अपना”पावर”दिखाया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के जख्म दिए हैं।इस बीमारी की वजह से संशय में डूबा हर व्यक्ति एक-एक पल गिन गिन कर काट रहा है। वही प्रदेशभर के डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ निडर निस्वार्थ जन मन की सेवा में जुटा है । पावर कंपनी के डगनिया ,गुढ़ियारी रायपुर, बिलासपुर ,भिलाई 3 ,कोरबा पूर्व, कोरबा पश्चिम, मड़वा एवं जगदलपुर में संचालित पावर कंपनी के चिकित्सालयों एवं औषधालयों में मरीजों हेतु बाह्य रोगी सेवाएं (ओपीडी )को प्रातः 9:00 से दोपहर 1:00 बजे तक संचालित किए जा रहे हैं। चिकित्सालयों में भीड़ कम करने के लिए चिकित्सकों ने सलाह दी है कि आवश्यकता अनुसार टेलीफोन पर भी विद्युत कर्मी चिकित्सा परामर्श ले सकते हैं ।65 वर्ष से अधिक आयु अथवा लंबी बीमारियों से ग्रसित जनों के लिए विशेष सुविधा दी गई है कि, वे अपने परिवारजनों को भेजकर रूटीन की दवाएं मेडिकल किताब में दर्ज अनुसार ले सकते हैं ।आपातकालीन स्थिति में बिना रिफरल के भी पावर कंपनी द्वारा अधिकृत निजी अस्पतालों से ओपीडी की दवाई ली जा सकती हैं।साथ ही आवश्यकता होने पर अपना परिचय पत्र दिखाकर बीमार बिजली कर्मी वहां भर्ती भी हो सकते हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए विद्युत कर्मियों के हित में जारी परिपत्र के अनुसार 15 डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एच एल पंचारी के साथ ही डॉ श्रीमती उषा पिल्लई, डॉ के एस छाबड़ा ,डॉ विवेक गोले, डॉ अलका गोले, डॉ नीलेश सिंह, डॉ अजीत सिंह ,डॉ एस एल कोरेटिया ,डॉ के बी बंसोड़े, डॉ रमेश श्रवण, डॉ ए के बाजपेई, डॉ सतीश खरे ,डॉ वी थॉमस के, डॉ एमआर स्नेही शामिल है। जिनसे आपातकालीन स्थिति में दूरभाष पर पावर कंपनी के अधिकारी कर्मचारी चर्चा कर चिकित्सा सुविधा ले सकते हैं ।up