छत्तीसगढ़: नक्सली मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद, 13 घायल 

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जगदलपुर(एजेंसी): छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कल दोपहर से आज सुबह तक चली नक्सली-पुलिस मुठभेड़ में 208 कोबरा बटालियन के तीन जवान शहीद हो गए, वहीं 13 घायल हो गए हैं। घायलों में 7 की हालत चिंताजनक बनी हुयी है। सभी घायलों को हेलीकाप्टर से रायपुर रेफर किया गया है। इधर पुलिस ने एक वर्दीधारी नक्सली का शव बरामद किया है। इसके अलावे कई नक्सलियों के मारे जाने एवं घायल होने के दावे किए गए हैं।20160304063847 (3) 20160304061618 (1) 20160304061619 (2)

मुठभेड़ में आधा दर्जन नक्सली मरे और घायल हुए – रात्रे

आईजी सीआरपीएफ सदानंद रात्रे ने बताया कि मुठभेड़ मेें 208 कोबरा बटालियन के 3 जवान लिंगूराम मिंज, लक्ष्मण सिंह एवं फतेह सिंह शहीद हो गए हैं। जबकि एएसआई रणवीर सिंह समेत 13 जवान घायल हुए हैं। घायलों में 7 की हालत गंभीर बनी हुयी है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल पर मौजूद परिस्थितिजन्य साक्ष्य, खून के धब्बे एवं घसीटे जाने के निशान से यह साबित होता है कि कम से कम 5-6 नक्सली मारे गए हैं और कई लहुलूहान हुए हैं, साथियों के शव नक्सली अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे। मौके से एक वर्दीधारी नक्सली का शव बरामद किया गया है, जिसकी शिनाख्त की जा रही है।

चौबीस घंटे तक चली मुठभेड़

पुलिस सूत्रों के अनुसार क्रिस्टारम् थाना से कल सुबह कोबरा बटालियन के जवान गश्त सर्चिंग के लिए रवाना हुए थे। ग्राम डब्बामरका के समीप एंबुश लगाये बैठे नक्सलियों ने पुलिस बल पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस बल ने भी फौरन मोर्चा संभालते हुए गोलीबारी की। कल दोपहर से शुरू हुयी मुठभेड़ आज सुबह तक चलती रही।

तीन बार हुआ हमला

सूत्रों के अनुसार डब्बामारका में घायल साथियों को कंधे पर ला रहे जवानों पर माओवादियों ने तीन बार हमला किया। किस्टारम से डब्बामरका की दूरी करीब 15 किमी है। जवानों के किस्टारम से निकलने की भनक नक्सलियों को लग गई थी और वे आनन-फानन में डब्बामरका के निकट पहाड़ी पर एंबुश लगाकर बैठ गए थे। कोबरा और डीआरजी के करीब 200 जवान अपने घायल साथियों को लेकर जगंल में नक्सलियों से मुकाबला करते डटे रहे। पहली मुठभेड़ में घायल जवानों को लेकर जब पुलिस पार्टी लौट थी, उसी दौरान दो अन्य स्थानों पर जंगल में छिपे नक्सलियों ने हमला किया।

बड़े नक्सली लीडरों ने संभाला मोर्चा

बताया जा रहा है कि माओवादियों की तीन मिलिट्री कंपनी वाली बटालियन इसी इलाके में मौजूद हैं और अनेक दुर्दांत किस्म के नक्सली नेता भी यहां डेरा जमाए हुए हैं।

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