नई दिल्ली(एजेंसी):पूरी दुनिया में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस के बाद चीन में अब ‘काली मौत’ का खतरा मंडराने लगा है। चीन के इनर मंगोलिया के एक शहर में रविवार को अधिकारियों ने ब्यूबोनिक प्लेग को लेकर अलर्ट जारी किया है। शनिवार को ब्यूबोनिक प्लेग का केस मिलने के बाद चिंता बढ़ गई है। पिछले साल नवंबर में भी चहां चार केस मिले थे। अधिकतर चूहों से फैलने वाला यह प्लेग बेहद ही संक्रामक है और अक्सर जानलेवा साबित होता है। मध्य काल में इस बीमारी को काली मौत के नाम से जाना जाता था।
क्या है प्लेग
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक प्लेग एक संक्रामक रोग है, जो एक जूनोटिक बैक्टिरिया यर्सिनिया पेस्टिस के कारण होता है। यह आमतौर पर छोटे स्तनधारियों और उनके पिस्सू में पाया जाता है। संक्रमित पिस्सू के काटने पर लोग प्लेग की चपेट में आते हैं और यह ब्यूबोनिक प्लेग में बदल सकता है। कई बैक्टिरिया के फेफड़ों में पहुंचने पर ब्यूबोनिक प्लेग न्यूमानिक प्लेग में बदल जाता है।
क्या है ब्यूबोनिक प्लेग?
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, ब्यूबोनिक प्लेग सबसे कॉम प्लेग है जो संक्रमित पिस्सू के काटने से होता है। रोग कीट संक्रमित पिस्सू के काटने से मानव शरीर में प्रवेश करता है और लिंम्फैटिक सिस्टम के जरिए ट्रैवल करता है। यह सबसे नजदीकी लिम्फ नोड में जाकर विस्तार करता है। इससे लिंम्फ नोड में सूजन आ जाता है और यह दर्द होता है। अडवांस स्टेज में लिम्फ नोड्स में खुले घाव हो जाते हैं और इनमें पस भर जाता है। इस प्लेग का मानव से मानव में ट्रांसमिशन दुर्लभ है।
ब्यूबोनिक और न्यूमानिक प्लेग में अंतर?
ब्यूबोनिक प्लेग सबसे सामान्य प्लेग है, लेकिन एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से नहीं फैलता। ब्यूबोनिक प्लेग से पीड़ित कुछ लोगों में यह न्यूमानिक प्लेग में बदल सकता है। यह कफ या ड्रॉपलेट्स के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ब्यूबोनिक प्लेग की मृत्यु दर 30 से 60 पर्सेंट तक है, जबकि न्यूमानिक प्लेग इलाज नहीं मिलने पर जानलेवा है। दोनों प्लेग में यदि समय से इलाज हो जाए तो रिकवरी रेट बेहतर है। पेन्यूमोनिक प्लेग की पहचान या इलाज समय पर ना हो तो यह घातक हो सकता है। हालांकि, लक्षण दिखने के 24 घंटे के भीतर इलाज मिलने पर रिकवरी रेट काफी अधिक होता है।
लोग कैसे होते हैं संक्रमित?
संक्रमित पिस्सू के काटने से यह संक्रमण मानव तक पहुंचता है। शरीर से निकलने वाले संक्रमित तरल के संपर्क में आने या न्यूमानिक से संक्रमित व्यक्ति के ट्रॉपलेट्स के द्वारा यह दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है।
एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है?
न्यूमानिक संक्रमित व्यक्ति का ड्रॉपलेट रेस्पिरेटरी सिस्टम में सांस के द्वारा प्रवेश करने पर दूसरा व्यक्ति संक्रमित होता है। यदि समय पर दिया जाए तो सामान्य एंटी-बायोटिक्स प्लेग को ठीक कर सकते हैं।
क्या हैं लक्षण
ब्यूबोपिनक प्लेग के लक्षण एक से सात दिन में दिख सकते हैं।प्लेग से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार होता है। ठंड लगती है, शरीर और सिर में दर्द, कमजोरी होती है, उल्टी या जी मिचलाना, लिंफ नोड्स में सूजन और दर्द। न्यूमानिक प्लेग के लक्षण संक्रमण के तुरंत बाद दिख जाता है, कई बार 24 घंटे के भीतर भी। यह प्लेग होने पर सांस लेने और खांसी में तकलीफ होती है। थूक में खून दिख सकता है।
क्यों कहा जाता है काली मौत
मध्य काल में इस बीमारी को ब्लैक डेथ यानी काली मौत के नाम से जाना जाता था। तीन बार यह बीमारी बड़े पैमाने पर फैली और करोड़ों लोगों की मौत हो गई। 1300 ई. में यूरोप की तिहाई आबादी की मौत हो गई थी। माना जाता है कि यह जीवाणु दक्षिणपश्चिम चीन के यून्नान में पैदा हुआ और तीसरा प्लेग 1894 में फैला। उसके बाद से यह दुर्लभ ही रहा है। 2010 से 2015 के बीच 3,248 केस दुनियाभर में सामने आए, जिससे 584 लोगों की मौत हुई।