प्रबल एवं सुपोषित जननी योजना से कुपोषण मुक्ति की ओर कटघोरा विकासखंड
कोरबा@M4S:भले ही राज्य शासन द्वारा आगामी दो अक्टूबर से छत्तीसगढ़ को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए सुपोषण अभियान शुरू किया जाने वाला है। परंतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सहमति से कोरबा जिले की कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कटघोरा विकासखंड में कुपोषण मिटाने के लिए जुलाई महिने से ही प्रबल योजना शुरू कर दी है। ‘‘प्रत्येक बच्चा लक्ष्य हमारा‘‘ उद्देश्य लेकर शुरू हुई प्रबल योजना ने कटघोरा के बच्चों को भी कुपोषण से निकालकर सुपोषित बनाने की दिशा में सकारात्मक परिणाम देना शुरू कर दिया है। कटघोरा के मोलाईन भाठा-1 आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाली कुमारी मिनाली राव का वजन इस योजना से पोषक आहार पाकर चार महिने में ही लगभग दो किलो तक बढ़ गया है। पहले गंभीर कुपोषित श्रेणी में शामिल मिनाली अब चार महिने में ही मध्यम श्रेणी में आ गई है। आने वाले दिनों में जल्द ही वह कुपोषण से छुटकारा पाकर सुपोषण श्रेणी में आ जायेगी और पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जायेगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की पहल पर महिला एवं बाल विकास परियोजना कटघोरा के 14 हजार से अधिक बच्चों और शिशुवती माताओं को कुपोषण से बचाने के लिये प्रबल एवं सुपोषित जननी योजना शुरू की गई है। मिनाली राव एक गरीब परिवार में जन्मी गंभीर कुपोषित बालिका थी। 2018 से कटघोरा में निवास कर रहे मिनाली के परिवार को आंगन बाड़ी कार्यकर्ता ने पहले भी मिनाली को पोषण केंद्र में भर्ती कराकर ईलाज कराने की सलाह दी थी। मिनाली के माता-पिता द्वारा रोजी-मजदूरी कर जीवन यापन करने और घर में कोई अन्य सदस्य नहीं होने के कारण पोषण केंद्र में जाकर मिनाली का ईलाज कराने में असमर्थता जताई थी। समय-समय पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा मिनाली को पूरक पोषण आहार रेडी टू ईट के व्यंजन तैयार कर खिलाये जाते रहे और बाल संदर्भ योजना के तहत स्वास्थ्य जांच कराकर डाक्टरों द्वारा जरूरी दवाईयां और टानिक आदि भी दिये जाते रहे।
कलेक्टर किरण कौशल के प्रयासों से जुलाई 2019 में कटघोरा में प्रबल योजना की शुरूआत हुई। आंगनबाड़ी केंद्रों में छः महिने से लेकर छः साल तक के नौनिहालों और गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए सप्ताह में तीन दिन विशेष शिशु आहार मूंगफली के लड्डू और तीन दिन अण्डा खाने के लिए दिया जा रहा है। मूंगफली के लड्डू मूंगफली, शक्कर, दूध पावडर और नारियल तेल को मिलाकर बनाये जाते हैं। नारियल तेल से बच्चों की भूख बढ़ती है और दूध से बच्चों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं जो वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं। बच्चों को 35-35 ग्राम के तो गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को 25-25 ग्राम के लड्डू तैयार कर दिये जाते हैं। इसके साथ ही गेहूं, चना, सोयाबीन और मूंगफली के मिश्रण से बना रेडी टू ईट पोषक आहार विभिन्न प्रकार के व्यजनों के रूप में नियमित रूप से दिया जा रहा है। मिनाली को भी विशेष शिशु आहार और अंण्डा नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्र में खिलाया गया। इससे उसकी भूख बढ़ी और उसे जरूरी पोषक तत्व भी मिले। जिले में बालमित्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों द्वारा नियमित अंतराल पर मिनाली के घर जाकर उसके खान-पान की निगरानी की गई। जून महिने में तीन साल की मिनाली का वजन नौ किलो तीन सौ ग्राम था जो गंभीर कुपोषण की श्रेणी का है। प्रबल योजना शुरू होने के बाद मिनाली का वजन जुलाई महिने में वजन साढ़े नौ किलो, अगस्त महिने में दस किलो 940 ग्राम और सितंबर महिने में 11 किलो 200 ग्राम तक पहुंच गया है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि डीएमएफ मद से संचालित होने वाली इस योजना से अब तक 14 हजार से अधिक हितग्राही लाभान्वित हो चुके हैं। योजना के तहत कटघोरा परियोजना के 11 सेक्टरों के 277 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लगभग 12 हजार बच्चों, एक हजार 324 शिशुवती माताओं और एक हजार तीन सौ पचास गर्भवती माताओं को लाभान्वित किया जा रहा है। कलेक्टर ने इस योजना से छः महिने में ही सभी हितग्राहियों को लाभान्वित कर उनकी सेहत में सुधार लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक गरम भोजन के साथ सुपोषित जननी योजना के तहत गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को अंडा और मूंगफली के लड्डू भी दिये जा रहे हैं।
कुपोषित बच्चों और गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को सप्ताह में एक दिन छोड़कर एक दिन की तर्ज पर सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को मूंगफली के पौष्टिक लड्डू तथा मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को अण्डा या मूंगफली आंगनबाड़ी केंद्रों में दिया जा रहा है। कलेक्टर ने आने वाले समय में इस सुपोषण अभियान को जिले की अन्य परियोजनाओं में भी विस्तारित करने की बात कही है।
चार माह में ही दो किलो बढ़ा मिनाली का वजन, प्रबल योजना का दिखने लगा परिणाम
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