कोरबा@M4S:बिना लाइसेंस के संचालित गीता देवी मेमोरियल अस्पताल प्रबंधन की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही। अस्पताल का एक और कारनामा सामने आया है । पिछले दिनों कोरवा आदिवासी महिला की मौत के मामले में जांच का सामना कर रहे गीता देवी मेमोरियल अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ भदरपारा की एक महिला ने बालको थाने में शिकायत दर्ज कराई है । आरोप है कि डॉक्टर कवाची द्वारा इलाज में भारी लापरवाही बरती गई जिससे उसकी बच्ची की मौत हो गई ।
शिकायतकर्ता सुदामा बाई,पति- भरोस राम टंडन,निवासी अंबेडकर चौक भदरापारा बालको ने शिकायत में उल्लेख किया है कि उसकी पुत्री कलश टंडन,पति- अजय सोनंत बालको संयंत्र के कंप्यूटर विभाग कार्यालय में कंप्यूटर आपरेटर के पद पर नियमित रूप से कार्यरत थी । उसका विवाह 3 वर्ष पूर्व हुआ था , कोई संतान नहीं था । अपने पति के साथ निहारिका के पास किराये के मकान में रहती थी । मेरी पुत्री को अपेंडिक्स की बीमारी थी , जिसे उसके छोटे पुत्र उनीलाल के द्वारा बालको अस्पताल में भर्ती कराया गया था । जहां से अपेंडिक्स का ऑपरेशन के लिए कोरबा स्थित गीतादेवी मेमोरियल अस्पताल 14.08.2021 को रिफर किया गया था ,जहां उसका ऑपरेशन न कर उसे बिना आपरेशन के मेडिसीन से ही ठीक होने का हवाला देकर ईलाज किया जा रहा था ।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त हास्पीटल के डाक्टरों के द्वारा साजिश के तहत जानबूझकर छुट्टी ( डिस्चार्ज ) नहीं दिया गया तथा उसके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया । फलस्वरूप उसकी पुत्री की दिनांक 21 अगस्त 2021 को शाम 4.00 बजे जान चली गई । जिसके जिम्मेदार गीता मेमोरियल अस्पताल के डाक्टर व कम्पाउंर हैं , जिनकी कड़ी पूछताछ किया जाना आवश्यक है । उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की है।
गीतादेवी अस्पताल प्रबंधन की मुश्किलें और बढ़ी,इलाज में लापरवाही से मौत की एक और शिकायत
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