गांधी जी के सुराजी गांव के सपनों को साकार कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेलः अशोक गहलोत

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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी विकास योजना की मुक्तकंठ से की प्रशंसा

*गोठान और समूह द्वारा निर्मित सामग्रियों का किया अवलोकन
राजस्थान में भी नंदी गौशाला स्थापित करने की जाएगी पहल*

रायपुर@M4S:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया, गौ-पालन मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं विधायक रोहित वोहरा के साथ आरंग विकासखंड के ग्राम बनचरौदा में आदर्श गोठान देखने पहुचे तो यहा महुएं पेड़ के छांव तले गोठान में एक साथ मौजूद सैकड़ों गायों, स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गोठान के गोबर से बनाये पूजन सामग्री, सौंदर्य प्रसाधन, जैविक खाद, औषधि, कुटीर उद्योग के माध्यम से दोना-पत्तल तैयार करने के साथ आत्म निर्भरता की ओर ग्रामीण महिलाओं के बढ़ते कदम को देखकर सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी विकास योजना के कार्यों को एक नवाचार बताते हुये छत्तीसगढ़ सरकार की मुक्तकंठ से प्रशंसा की और राजस्थान में भी नंदी गौशाला स्थापित कर इस नवाचार को अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का सपना था कि वे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ ही ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाये। उसे आर्थिक रूप से सक्षम बनाये। छत्तीसगढ़ में आने और गोठान के माध्यम से हो रहे कार्यों को देखने के बाद यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल गांधी जी के सपनों को सही मायने में साकार कर रहे है।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री श्री रविंद्र चौबे, नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डाॅ शिव कुमार डहरिया, अभनपुर विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री धनेन्द्र साहू, धरसीवा विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शारदा देवी वर्मा, जनप्रतिनिधिगण, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।
ग्राम बनचरौदा के कार्यक्रम में पहुचे राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि गोठान बनाकर छत्तीसगढ़ की सरकार ने एक नया प्रयोग किया है। आवारा पशुओं के साथ किसानों के मवेशियों को गोठान के माध्यम से पेयजल, चिकित्सा और चारा उपलब्ध कराते हुये एक निश्चित स्थान पर रखने से पशु भी सुरक्षित है और पशुओं से होने वाली दुर्घटनाएं भी रूकेगी। गाय के गोबर से गांव की महिलाओं द्वारा जो उत्पाद बनाया जा रहा है उससे स्वरोजगार के साथ आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी उपलब्ध हुआ है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास में सबकों भागीदार बनने की अपील की।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का ज्यादातर आर्थिक आधार कृषि है। नरवा,गरूवा,घुरवा एवं बाड़ी के माध्यम से किसान अपना जीवकोपर्जन बेहतर तरीके से कर सके और आर्थिक रूप से समृद्ध बन सके यही हमारी सरकार का प्रमुख उद्देश्य है। इस दिशा में सरकार द्वारा प्रदेश भर में गोठान से जैविक खाद का निर्माण कर खाद का उपयोग कृषि कार्यों और सब्जी उत्पादन में किया जा रहा है। नरवा योजना के माध्यम से जल सरंक्षण करने और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गोठान में पशुओं को स्वच्छ पेयजल, बीमारी से उपचार की सुविधा, सोलर सिस्टम, चारा की व्यवस्था की जा रही है। श्री बघेल ने कहा कि आज राजस्थान के मुख्यमंत्री बनचरौदा में आपके कार्यों को देखने आये है। आने वाले समय में अन्य राज्यों सहित देश-विदेश के जनप्रतिनिधि और विद्ववजन भी आयेंगे। छत्तीसगढ़ में ग्राम सुराजी योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी विकास योजना की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। बनचरौदा एक स्वावलंबी गांव {सुराजी गांवद}बन सके इसके लिये आप सभी गांववासियों की सहभागिता जरूरी है।
पहुना के रूप में हुआ आत्मीय स्वागत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मंत्रीद्वय श्री लालचंद कटारिया, गौ-पालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया एवं विधायक श्री रोहित वोहरा का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और मंत्रीगण तथा बनचरौदा के ग्रामीणों ने उत्साह के साथ छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रतीक खुमरी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान अतिथियों को स्वल्पाहार के रूप में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन- ठेठरी, खुरमी, अइरसा, बोबरा, करी लड्डू, आदि परोसा गया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा गोबर से निर्मित उत्पादों की सूची का विमोचन तथा गोठान परिसर में पौधरोपण किया गया।

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