विश्व आदिवासी दिवस के वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
श्री बघेल ने कहा: हमारा आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ की गौरवशाली संस्कृति और इतिहास का हिस्सा
कोरबा@M4S: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के सभी 27 जिलों के आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों और वनवासियों से जुड़े। उन्होंने आज के दिन को पूरी दुनिया के आदिवासी समुदाय के लिए खास दिन बताया और कहा कि छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज राज्य की गौरवशाली संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आदिवासी समाज और संस्कृति को आगे बढ़ाए बिना छत्तीसगढ़ की संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा नहीं की जा सकती । मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और स्वाभिमान को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का संकल्प लिया है। श्री बघेल ने खुशी जताई की पिछले ढाई वर्षों में राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश के आदिवासी इलाकों में विकास और स्वावलंबन की नई लहर चली है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा विश्वास, विकास और सुरक्षा के मूलमंत्र के साथ आगे बढ़ते हुए जल-जंगल-जमीन पर स्थानीय समुदायों का अधिकार सुनिश्चित करना और आदिवासियों के जीवन स्तर को उंचा उठाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
* गाँव ही नहीं नगरीय क्षेत्रों में भी आदिवासी समुदाय को वनसंसाधन अधिकार देकर रचा कीर्तिमान -* मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने चार लाख 41 हजार से अधिक व्यक्तिगत पट्टे और 46 हजार से अधिक सामुदायिक पट्टों के साथ शहरी क्षेत्रों में भी वन संसाधन का अधिकार देकर कीर्तिमान रच दिया है। देश में सबसे पहले शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदाय को वहां के जंगलों पर अधिकार देने का काम छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की नगरी नगर पंचायत से शुरू हो गया है। तीन गांवो से मिलकर बनी इस नगर पंचायत में दस हजार 200 एकड़ जंगल पर सामूहिक वन संसाधन अधिकार दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी संस्कृति में वन्य प्राणियों का विशेष महत्व है। वन्य प्राणियों के प्रति आस्था और सम्मान को व्यक्त करते हुए टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र में भी सामुदायिक वन संसाधन का अधिकार स्थानीय निवासियों को दिया जा रहा है। सीतानदी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के पांच गांवों के 14 हजार एकड़ जंगल पर सामुदायिक वनसंसाधन अधिकार दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आज पूरे प्रदेश में 700 गांवों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार सौंपे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने किया छह पुस्तकों का विमोचन – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान विभागीय योजनाओं की छह पुस्तकों छत्तीसगढ़ का ट्रायबल एटलस, छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजातिओं पर आधारित काफी टेबल बुक, गदबा, मुंडा, बैगा, कमार और भुंजिया जनजातिओं पर आधारित मानव शास्त्री अध्ययन, पाव, मांझी, गड़बा, परधान, बैगा, गोंड़, अगरिया और कंवर जनजातिओं के फोटो हैंडबुक तथा कंवर जनजाति में प्रथागत कानूनों का मोनोग्राफ का विमोचन भी किया। उन्होंनेे विभिन्न शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होने वाले विभिन्न जिलों के वनवासी हितग्राहियों से संवाद भी किया। मुख्यमंत्री ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रदेश वासियों को बधाई और शुभकामनाएं भी दीं।
गाँव ही नहीं शहरी क्षेत्रों मे भी आदिवासी समुदाय को वन संसाधनों का अधिकार देने में छत्तीसगढ़ ने रचा कीर्तिमान: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल*
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