स्कूली बच्चों में देखने-सुनने की समस्या पहचानने चलेगा अभियान
कलेक्टर डॉ भुरे ने दिए निर्देश, स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की हुई समीक्षा
रायपुर@M4S: रायपुर जिले में अब सभी गर्भवती महिला की गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में अनिवार्यतः सोनोग्राफी की जाएगी। इससे गर्भावस्था में ही गर्भस्थ शिशु में किसी बड़ी बीमारी या किसी शारिरिक विकृति का समय रहते पता लग जाएगा और उसका यथासंभव समय पर ईलाज हो सकेगा। रायपुर जिले के नव नियुक्त कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे ने आज स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान सभी डॉक्टरों को इसके निर्देश दिए है। डॉ भुरे ने जिले के ग्रामीण और शहरी दोनो क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को पहली तिमाही में सोनोग्राफी के लिए अस्पताल तक लाने की जिम्मेदारी भी खंड चिकित्सा अधिकारियों को सौंपी है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भी मदद ली जाएगी। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि पहली तिमाही में गर्भवती महिला की सोनोग्राफी कराने की छोटी सी पहल से स्वस्थ्य शिशु के जन्म के साथ-साथ बाद में बीमार बच्चें के ईलाज में होने वाले खर्चे और माता-पिता को कई प्रकार की परेशानियों से बचाया जा सकता है। बैठक में सी.एम.एच.ओ डॉ मीरा बघेल के साथ सभी खंड चिकित्सा अधिकारी, शासकीय कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक भी मौजुद रहे।
*विजन और हियरिंग डिसएबिलिटी की पहचान के लिए अभियान, चश्में और कान की मशीन भी मिलेगी –* बैठक में कलेक्टर ने स्कूली बच्चों में विजन और हियरिंग डिसएबिलिटी की पहचान के लिए अभियान चलाने के निर्देश भी चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि स्कूली विद्यार्थियों में देखने और सुनने की विकृति जल्दी पहचान में नही आती है और बाद में बच्चों के बड़े हो जाने पर ऐसी विकृतियों का ईलाज भी कठिन हो जाता है। देखने-सुनने में विकृति वाले बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित होता है साथ ही समय पर पहचान नही होने से उनके ईलाज में भी बड़ी परेशानी होती है। बाद में ऐसे ईलाज में काफी पैसा भी खर्च होता है। इस अभियान में स्कूल शिक्षा विभाग के समन्वय से स्कूली बच्चों की आंखो और कानो की विशेष रूप से जांच की जाएगी। आंखो में कम दिखने की विकृति वाले बच्चों को जिला प्रशासन द्वारा उपयुक्त नंबर के चश्में भी निःशुल्क दिए जाएंगे। इसी प्रकार कान की विकृति पर बच्चों को सही ढंग से सुनने के लिए उपयुक्त मशीन आदि भी दी जाएगी।
*सभी स्वास्थ्य कर्मियों को रहना होगा मुख्यालय में, अधोसंरचना और भर्ती के काम भी तेज हो –* बैठक में कलेक्टर डॉ भुरे ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों का मुख्यालय में रहना जरूरी बताया है। उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ डॉक्टरों, ए.एन.एम, नर्सो और स्वास्थ्य कार्यक्रताओं को निर्धारित मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत और शुरू हो चुके अधोसंरचना निर्माण के सभी कामों को समय-सीमा निर्धारित कर गुणवत्तापूर्वक पूरा करने के निर्देश बैठक में दिए। डॉ भुरे ने स्वास्थ्य केन्द्रों में ए.एन.एम, नर्सो और स्वास्थ्य कार्यक्रताओं के खाली पड़े पदों पर भी तेजी से प्रक्रिया कर भर्ती पूरी करने के निर्देश दिए।