कोरबा@M4S: छत्तीसगढ़ किसान सभा ने विस्थापन प्रभावित ग्राम बरभांठा और पंडरीपानी में तत्काल टेंकरों के माध्यम से पानी देने , बोरखनन और गांव के प्रमुख तालाब का गहरीकरण करके उसमें पानी भरने की मांग की है। इस संबंध में एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक के साथ जिला प्रशासन को भी एक पत्र किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू, प्रशांत झा,जय कौशिक, दामोदर, जगदीश कंवर,रामायण कंवर, सरिता कंवर, सविता के साथ पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने सौंपा है । पानी की समस्या का निराकरण नहीं होने पर 10 मई को गेवरा खदान बंद करने की चेतावनी भी दी है।
किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा कि बरभांठा और पंडरीपानी गांव में जल संकट काफी गंभीर है गेवरा खदान के खनन के कारण दोनों गांव में जल स्तर काफी नीचे जा चुका है, जिसके कारण प्रभावित ग्रामीणों को पानी के लिये काफी भटकना पड़ रहा है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि कोयला खदानों के खनन के कारण गांव के तालाब और हैंड पंप पूरी तरह सूख गये है। प्रबंधन को कोयला के उत्पादन से मतलब है लेकिन आम जनता के बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने में कोई रूचि नहीं है। किसान सभा के नेता जय कौशिक ने कहा कि खनन प्रभावित गांव में पानी उपलब्ध नहीं कराना और प्रबंधन की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को गर्मी में पानी के लिये भटकना पड़ रहा है । किसान सभा एसईसीएल के इस अमानवीय रवैये की तीखी निंदा करता है। किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने कहा कि खनन के कारण तालाब और हैंड पंप पूरी तरह सूख गए हैं । गर्मियों में यंहा के रहवासियों और पशुधन को भयंकर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। यदि एसईसीएल प्रबंधन बरभांठा और पंडरीपानी में व्याप्त पेयजल संकट को दूर नहीं करता है तो ग्रामीणों के साथ किसान सभा 10 मई को गेवरा खदान बंद करने के लिए बाध्य होगी।
खदान प्रभावित गांवों में जल संकट 10 मई को गेवरा खदान बंदी की चेतावनी
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