क्षय रोग के उन्मूलन के लिए कोरबा बना छत्तीसगढ़ का पहला एंप्लायर लेड मॉडल लागू करने वाला जिला

- Advertisement -

कोरबा@M4S:कलेक्टर किरण कौशल, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. जयवर्धन एवं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीबी बोर्डे के नेतृत्व में जिले में निजी औद्योगिक/खनिज उपक्रमो ने स्वास्थ्य विभाग के साथ टीबी उन्मूलन में सहयोग देने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रधानमंत्री के सन 2025 तक देश से क्षय रोग यानि टीबी के पूरी तरह से खात्मे के संकल्प को साकार करने में जहां तमाम सरकारी विभाग आगे आए हैं वहीं अब सार्वजनिक एव निजी औद्योगिक/खनिज उपक्रमो को भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बी.बी.बोर्डे एंव राज्य के निर्देश से इस बीमारी को खत्म करने में पूर्ण सहयोग देने के लिए शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश को वर्ष 2023 तक टी.बी. से मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। जिले के दस सार्वजनिक एवं निजी औद्योगिक/खनिज उपक्रमो ने नियमानुसार सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करके फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों एंव श्रमिकों को टीबी जैसी बीमारी से बचाने के लिए हर संभव कोशिश करने का आश्वासन दिया है। पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम का लाभ कर्मचारियों एंव श्रमिकों को पहुंचाने और टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए एम्प्लायर लेड मॉडल (ईएलएम) के प्रारूप पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिलापंचायत सी.ई.ओ. एंव मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला कोरबा की उपस्थिति में यह अनुबंध किया गया है।
जिला टास्क फोर्स क्षय नियंत्रण उनमुलन कार्यक्रम एवं सार्वजनिक एवं निजी औद्योगिक/खनिज उपक्रमो ने अपने अधिनस्थ कर्मचारियों, श्रमिकों को टीबी बीमारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के संबंध मे कलेक्टरेट सभा कक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिलापंचायत सी.ई.ओ. श्री एस. जयवर्धन के द्वारा किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बी.बी.बोर्डे एवं जिला क्षय अधिकारी डॉक्टर बी. आर. रात्रे के निर्देशानुसार कार्यक्रम का क्रियांवयन किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बी.बी.बोर्डे के द्वारा उद्यमियों को इस दिशा में कदम आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने और जिले को टीबी मुक्त करने के क्षेत्र में हर स्तर पर कंधे से कंधा मिलाकर कार्यकरने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोग की उपचार और नियंत्रण को लेकर संवेदीकरण (सेंसिटाइज) का कार्य किए जाने के संबंध में जानकारी दी गई।

कोरबा में इसको लेकर आयोजित कार्यशाला में रीच संस्था के सीनियर मैनेजर डॉ॰ पंकज ढींगरा ने टीबी और एम्प्लाई एलईडी मॉडल (ईएलएम) पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि इस मॉडल के तहत फैक्ट्रियों में ऐसा माहौल तैयार किया जावें जिसमें कोई भी टीबी की चपेट में आने ही न पाये।
रीच संस्था की स्टेटको-आर्डीनेटर पियूष मालवीय (ईएलएम) एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रवेश खूँटे, अशोक पांडेय, राजकमल पटेल संस्था और टीबी चैंपियन प्रकाशदास महंत अहम भूमिका रही।
क्या है (ईएलएम) एम्प्लायर लेड मॉडल:
ईएलएम सार्वजनिक एवं निजी औद्योगिक/खनिज उपक्रमो में काम करने वाले लोगों तक पहुँचने और मौजूदा प्रतिष्ठानों में टीबी के प्रति जागरूकता और देखभाल को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक रणनीति है। इसके पीछे सोच यह है कि कर्मचारी के बीमार होने से जहां उत्पादन पर असर पड़ता है इसलिए ऐसा माहौल तैयार किया जाये ताकि कर्मचारी एवं उनके परिवार टीबी की गिरफ्त में आने से बच सकें। इसके आलावा सभी उद्योग अपने सी.एस.आर. के तहत आम जनता में भी जन जागरूकता का कार्य करने में मदद करेंगे।
कोरबा जिले की छह बड़ी कंपनियां जिसमें की छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड हसदेव थर्मल पावर एनटीपीसी एसईसीएल लैंको एवं एसवी पावर लिमिटेड ने कोरबा स्वास्थ्य विभाग के साथ कोरबा जिले को टीवी से मुक्त करने हेतु संयुक्त सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं इस पत्र के अनुसार कंपनी एवं जिला स्वास्थ्य विभाग एक दूसरे को अपनी क्षमता अनुसार मदद करेंगे और टीवी से ग्रसित नए संभावित मरीजों को ढूंढने का प्रयास करेंगे जिससे कि अन्य व्यक्ति टीबी से ग्रसित ना हो।

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!