मुंबई (एजेंसी):शरीर में कोई बीमारी होती है तो इसके लक्षण सबको साफ पता चलते हैं। लोग इनका इलाज भी करवाते हैं। मेंटल हेल्थ के बारे में कम जागरूकता और गलतफहमियों के चलते लोग इसे इग्नोर करते रहते हैं। अगर आप दिमागी रूप से परेशान या तनाव में हैं तो आपको कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। हेल्दी रहने के लिए स्ट्रेस फ्री रहना बहुत जरूरी है। स्ट्रेस बॉडी का नॉर्मल रिऐक्शन है लेकिन यह हद से ज्यादा बढ़ जाए तो आपके लिए खतरा बन सकता है। यहां कुछ लक्षण हैं जिनसे आप पहचान सकते हैं कि कहीं आपका स्ट्रेस लेवल जरूरत से ज्यादा तो नहीं बढ़ गया।
तनाव में शरीर करता है रिऐक्ट
तनाव सबको होता है। जब हम किसी बदलाव या किसी चैलेंज का सामना करते हैं तो शरीरिक और मानसिक स्तर पर रिऐक्शन होते हैं, इसे ही तनाव कहते हैं। स्ट्रेस पॉजिटिव भी हो सकता है। हमारा दिमाग प्रकृति ने कुछ इस तरह से बनाया है कि वह खतरा देखते ही फाइट ऐंड फ्लाइट मोड में आ जाता है। स्ट्रेस के वक्त भी दिमाग उस सिचुएशन से मुकाबला करने के लिए शरीर को तैयार करता है। लेकिन अगर आप लंबे वक्त तक तनाव में रहते हैं तो इससे शरीर को नुकसान पहुंचने लगता है। जिस वजह से फिजिकल और इमोशनल कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं।
मानसिक लक्षण
- आपको छोटी-छोटी बात पर रोना आ जाता है या ज्यादा इमोशनल फील करते हैं।
- चीजें भूलने लगे हैं या कहीं कॉन्संट्रेट नहीं कर पाते।
- किसी काम को पूरा करने में जरूरत से ज्यादा वक्त लग रहा है या किसी चीज का डिसीजन लेने में दिक्कत हो रही है।
- स्ट्रेस को कम करने के लिए शराब या ड्रग्स लेने लगे हैं।
- शारीरिक लक्षण
- दिल की धड़कन बढ़ी हुई है सीने पर भारीपन लग रहा है।
- सिर में दर्द है, खासतौर पर आंखों के बगल में टेम्पल्स पर।
- डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें हो रही हैं, कब्ज या डायरिया हो रहा है।
- वजन कम हो रहा है, भूख नहीं लगती या ज्यादा भूख लगने लगी है।
- थकान महसूस होती है और लोगों से मिलने-जुलने का मन नहीं करता।
- नींद आनी कम हो गई है या जरूरत से ज्यादा सो रहे हैं।
ऐसे मैनेज करें स्ट्रेस
स्ट्रेस लंबे वक्त तक रहे तो आपको एंग्जाइटी, डिप्रेशन और पैनिक अटैक हो सकते हैं। अगर आपको कोई बात परेशान कर रही है तो किसी करीबी से साझा करें। जब भी किसी बात को लेकर टेंशन होने लगे तो शरीर को ऐक्टिव करें। गहरी सांस लें, एक्सरसाइज करें या टहलें। अपनी उपलब्धियों और जिंदगी के सबसे अच्छे वक्त को याद करें। खुद से कंट्रोल नहीं हो रहा तो बिना वक्त गवाए किसी थेरपिस्ट की मदद लें।