कोल इंडिया की पालिसी के खिलाफ लेंगे कानूनी सहारा,करतली में विधिक सलाह एवं सहायता शिविर आयोजित

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कोरबा@M4S:अम्बिका खुली खदान के लिए अर्जित ग्राम करतली में विधिक सलाह एवं सहायता शिविर का आयोजन किया गया । ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के ग्राम इकाई ने कार्यक्रम आयोजित किया था ।
हाई कोर्ट के अधिवक्ता कमल किशोर पटेल ने प्रभावित किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी दिया और उनका केस लड़ने की जानकारी भी दिया । लगभग 350 लोंगो के चार गुना मुआवजा का आदेश भी साथ लेकर आये थे ।आगे काबिज वनभूमि का मुआवजा , सहित रोजगार मुआवजा बसाहट से जुड़ी मांगो पर कानूनी सलाह और न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है । ग्राम इकाई अध्यक्ष जयपाल सिंह खुसरो ने बताया कि सड़क के लड़ाई के साथ कानूनी मदद भी ली जा रही है । एसईसीएल अपनी कोल इंडिया नीति का हवाला देकर हाथ खड़ा कर लेती है इसका जवाब कानून की मदद से भुविस्थापितों को अधिकार दिलाई जाएगी ।
गौरतलब है कि एसईसीएल की कोरबा क्षेत्र अंतर्गत अम्बिका ओपन कास्ट खदान के लिए पाली तहसील के ग्राम करतली,तेंदुभाठा और दमिया के निजी हक की 335.19 एकड़ भूमि एवं राजस्व वन भूमि 15.52 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कोल बेयरिंग एक्ट के तहत किया जा चुका है । भूमि अर्जन के एवज में 485 काश्तकारों को 26.72 करोड़ रुपये मुआवजा भुगतान किया जा चुका है और शेष 198 काश्तकारों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है। इन काश्तकारों का कथन है कि छोटे रकबे होने के कारण उनको रोजगार से वंचित होना पड़ेगा और उनकी भविष्य अंधकारमय हो जाएगा ।भुविस्थापितो का कहना है कि उनकी परिसम्पतियों का मूल्यांकन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियो की गैरमौजूदगी में गलत तरीके से मूल्यांकन किया गया है । वन भूमि अधिकार पटटे की जमीन का मुआवजा नही दिया जा रहा है और सन 2012 के बाद लायी गई कोल इंडिया पालिसी के कारण छोटे रकबे वाले किसानों को रोजगार से वंचित कर दिया गया है ।

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