कोरबा जिले की तरह कोरोना नियंत्रण के लिए करें काम:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्यमंत्री ने अब तक किए गए कोरोना नियंत्रण के प्रयासों पर संतुष्टि जताई, राज्य के सभी अधिकारी-कर्मचारियों की भी प्रशंसा की

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कोरबा@M4S: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज वीडियो कांफे्रसिंग के जरिए राजधानी रायपुर से ही राज्य में शासकीय योजनाओं तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की कलेक्टर्स कांफेंस द्वारा समीक्षा की। उन्होंने राज्य में कोरोना वायरस की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों पर संतुष्टि जताई और इसके लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की तारीफ की। मुख्यमंत्री बघेल ने खास तौर पर कोरबा जिले में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल और टीम द्वारा कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए किए गए कार्यों को बेहतर बताया तथा अन्य जिलों को भी उनका अनुकरण करने की सलाह दी। श्री बघेल ने कहा कि कोरबा जिले में बाहर प्रांतों से आ रहे प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों को व्यवस्थित तरीके से 14 दिन क्वारेंटाइन रखने के लिए कोरबा जिले में बनाई गई व्यवस्था बेहतरीन है। उन्होंने कहा कि 14 दिन क्वारेंटाइन में रहने के बाद अपने गांव-घर जाने पर भी इन प्रवासी श्रमिकों की निगरानी जरूरी है। इसके लिए कोरबा जिले की तरह ही गांव-गांव में निगरानी समितियां बनाई जाए और अगले 14 दिनांे तक गांव में इन श्रमिकों की सत्त मानिटरिंग की जाए। इस दौरान किसी भी तरह के कोरोना के लक्षण या सर्दी, खांसी, बुखार आने पर प्रवासी श्रमिकों को तत्काल आइसोलोशन वार्ड में भर्ती कराया जाये। श्री बघेल ने कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के साथ ही अन्य शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन तथा उपलब्धियों की जानकारी भी सभी जिला कलेक्टरों से ली। इस दौरान कलेक्टर किरण कौशल, पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा, सीईओ जिला पंचायत कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त एस. जयवर्धन तथा अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी संजय अग्रवाल, अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया भी मौजूद रहीं।
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक जिलों खासकर कोरबा, दुर्ग, रायपुर, रायगढ़ में बिना सूचना के अन्य प्रांतों से काम पर लौट रहे मजदूरों पर विशेष निगाह रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक संस्थानों को बाहर से आने वाले सभी श्रमिकों की जानकारी प्रशासन को देना अनिवार्य किया जाए तथा श्रमिकों को सीधे काम पर लगाने के बजाय उन्हें कोविड-19 प्रोटोकाल के अनुसार पहले 14 दिन क्वारेंटाइन में रखा जाए। उनका कोविड टेस्ट कराया जाये तथा जांच रिपोर्ट निगेटिव होने पर एवं पूर्णतः स्वस्थ्य होने पर ही उन्हें फैक्ट्रियों में काम के लिए बुलाया जाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यह भी निर्देशित किया कि बिना अनुमति या जानकारी के चोरी-छिपे अन्य प्रांतों से श्रमिक बुलाकर काम कराने वाले औद्योगिक संस्थानों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही भी की जाए ताकि कोरोना महामारी को छत्तीसगढ़ राज्य में फेलने से रोका जा सके।
ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित हो गौठान-शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली सुराजी गांव योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को गौठानों को आय मूलक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। राज्य में इस योजना के तहत नरवा के उपचार की स्थिति की भी उन्होंने जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने नालों के उपचार के कार्य को प्राथमिकता से कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी नालों के उपचार का कार्य कराए जाने हेतु शीघ्र विस्तृत कार्य योजना तैयार करने तथा उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रमुख नदियों में आकर मिलने वाले नालों का उपचार कराए जाने के पूर्व नालों के किनारों पर स्थित गांवों के कुआंें, ट्यूबवेल का जलस्तर लिया जाना चाहिए। ताकि नालों के उपचार के बाद स्थिति में आए बदलाव का आंकलन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालों के उपचार से नदियों को भी पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में गौठान बनाने के निर्देश दिए और कहा कि गौठानों को लोगों के रोजगार का जरिया बनाया जाए। गौठानों में सब्जी उत्पादन, मुर्गीपालन, बकरीपालन, मछलीपालन के अलावा अन्य आय मूलक गतिविधयों से समूहों को जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां धीमी पड़ गई है। ऐसे में स्थानीय आवश्यकताओं का आंकलन कर इसकी आपूर्ति के लिए स्थानीय स्तर पर इसके उत्पादन की कार्य योजना तैयार की जाये ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सके। मुख्यमंत्री ने खुली चराई प्रक्रिया को बंद कर पशुओं को चारागाहों में उत्पादित चारा खिलाने तथा खेतों से दूर अन्य स्थानों पर चरवाहों द्वारा चराई के लिए ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने ग्राम सभाओं में खुली चराई प्रथा पर रोक लगाने प्रस्ताव पारित कराने के निर्देश दिएं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गौठान समितियों को सक्रिय करने तथा प्रदाय की गई राशि से पशुओं के लिए चारे-पानी की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गौठानों से जुड़े महिला स्वसहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे खाद और अन्य सामग्रियों की बेहतर मार्केटिंग व्यवस्था करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में चारागाह विकास के काम को भी प्राथमिकता से कराए जाने के निर्देश दिए ताकि गौठानों में पशुओं को नियमित रूप से हरा चारा मिलता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पशुओं के स्वास्थ्य एवं दुग्ध उत्पादन बेहतर होगा। उन्होंने वन क्षेत्रों से लगे ग्रामों में आवर्ती चराई योजना के अंतर्गत गौठान की स्थापना सुनिश्चित करने तथा वन समितियों के माध्यम से हरे चारे के उत्पादन को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बाड़ी विकास कार्यक्रम की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सामूहिक एवं व्यक्तिगत बाड़ियों से उत्पादित होने वाली सब्जी की आपूर्ति स्कूलों, आश्रम-छात्रावासों, सुरक्षा बलों के मेस में कराने की व्यवस्था करने को कहा ताकि सब्जी उत्पादक को साल भर आमदनी हो सके।

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