कोरबा:सामान्य महिला के बाद महापौर सीट ओबीसी के लिए हुआ आरक्षित

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पिछड़ा वर्ग के नेताओं में जागी टिकट की उम्मीद
कोरबा@M4S: नगरीय निकाय चुनाव के प्रमुख पदों की आरक्षण की प्रक्रिया बुधवार को संपन्न हुई। आरक्षण प्रक्रिया पर सभी की निगाह टिकी हुई थी। आरक्षण के मुताबिक इस बार कोरबा नगर पालिक निगम ने पिछड़ा वर्ग मुक्त की लॉटरी निकली है। सीट को मुक्त रखा गया है अर्थात इस वर्ग के महिला और पुरूष दोनों ही महापौर का चुनाव कोरबा से लड़ सकते हैं। आरक्षण की स्थिति साफ होने के साथ अब संभावित दावेदार सक्रिय हो रहे हैं। पिछड़ा वर्ग से जुड़े नेताओं में टिकट की उम्मीद जाग उठी है।
राज्य सरकार ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के महापौर और अध्यक्षों के पद के लिए 18 सितंबर को आरक्षण का ऐलान किया था। उक्तानुसार रायपुर में आज यह प्रक्रिया लॉटरी के जरिए अपनाई गई। क्षेत्रफल की दृष्टिसे छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नगर निगम कोरबा में महापौर का पद ओबीसी सामान्य के लिए आरक्षित हुआ है। नगर निगम के गठन के बाद दूसरा ऐसा मौका है जब कोरबा से महापौर की कुर्सी पर एक बार फिर पिछड़ा वर्ग को नेतृत्व मिलेगा। इससे पहले भाजपा के लखनलाल देवांगन इस श्रेणी से महापौर काबिज हो चुके हैं। निगम में अब तक हुए चुनाव में आदिवासी महिला से भाजपा से श्याम कंवर, सामान्य मुक्त से भाजपा के जोगेश लाम्बा और सामान्य महिला से कांग्रेस की रेणु अग्रवाल महापौर निर्वाचित हो चुकीं हैं। नगर पालिक निगम कोरबा के पांचवें चुनाव में महापौर की कुर्सी किसे मिलेगी, इसे लेकर लोकसभा चुनाव के बाद से अटकलें लगाई जा रही थी। आखिरकार किस्मत चमकी पिछड़ा वर्ग की। इससे अन्य संबंधितों को मायूस होना पड़ा। इससे पहले के चार चुनाव में आदिवासी महिला, पिछड़ा वर्ग पुरूष, सामान्य मुक्त और सामान्य महिला के लिए नगर निगम में महापौर के चुनाव हुए। इस अनुसार समझा जा रहा था कि इस बार रोस्टर के तहत महापौर का पद संभवत: अनुसूचित जाति के लिए हो सकता है, लेकिन लॉटरी में ऐसा नहीं हुआ। आरक्षण प्रक्रिया घोषित होने के साथ ही अजा को निराशा हासिल हुई।
1999 में गठित हुआ था कोरबा  नगर पालिक निगम
नगर पालिक निगम कोरबा का गठन पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 1999 में किया था। इससे पहले यहां विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) काम कर रहा था, जो 74 गांव को मिलाकर 70 के दशक में गठित हुआ था। 25 मई 1998 को मध्यप्रदेश सरकार ने कोरबा को जिला का दर्जा दिया और एक वर्ष बाद स्थानीय निकाय के रूप में नगर निगम की सौगात दी।
तीन बार खिल चुका हैं कमल
नगर निगम के गठन से वर्ष 2014 तक नगर निगम में चार चुनाव हो चुके हैं। इनमें प्रथम तीन चुनाव में भाजपा के श्याम कंवर, लखनलाल देवांगन और जोगेश लाम्बा को विजयश्री हासिल हुई। जबकि चौथे चुनाव में रेणु अग्रवाल कांग्रेस से निर्वाचित हुईं। निगम के पांचवें चुनाव 2019 के अंतिम में संपन्न होने के मद्देनजर प्राथमिक तैयारी राज्य चुनाव आयोग के निर्देश पर जारी है। इस कड़ी में महापौर का पद आरक्षित हो गया। इसके साथ ही कांग्रेस, भाजपा, छजकां और बसपा के द्वारा जीत सकने वाले चेहरों की तलाश का काम शुरू हो गया है। वहीं आगामी दिनों में निगम के 67 वार्डों में पार्षद के तौर पर अगली भूमिका निभाने वाले चेहरे सक्रिय होंगे, यह स्वाभाविक है।  

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