कोरबा@M4S:कोरबा जिले में शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजीव गांधी शिक्षा मिशन ब्लॉक समन्वयक कार्यालय कटघोरा, करतला, पाली अंतर्गत डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कलेक्टर दर पर पदस्थ कर्मचारी मुरारी पटेल, नितेष कुमार सोनी एवं सुमोन कुजूर कार्यरत हैं। उक्त कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर कुल एकमुश्त 9420/- रूपये वेतन के रूप में दिए जाने का प्रावधान शासन द्वारा निहित है। लेकिन वर्ष 2015 से उक्त कर्मचारियों शासन के नियम विरूद्व संविदा दर पर नियुक्त कर्मचारियों को 18420/- रूपये दी जाने वाली वेतन प्रदाय जिला शिक्षा अधिकारी जिला कोरबा के द्वारा दिया जा रहा है। जिसके कारण आज दिनांक तक लगभग 16 लाख रूपये का शासन को चूना लगाया जा चुका है साथ ही प्रतिमाह 24260/- रूपये शासन की कोष से आहरित कर उक्त कर्मचारियों को दिया जा रहा है। जो पूर्णतः शासकीय राशि का गबन कर अनियमितता की जा रही है। इस संबंध में मनी राम जांगड़े ने जिला शिक्षा अधिकारी को दो बार प्रत्यक्ष व पत्र लिखकर उक्त विषय में जानकारी दिया है । चूंकि उक्त कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति के आदेश के छायाप्रति सूचना के अधिकार के अधिनियम 2005 के तहत अनेकों बार मांगा गया लेकिन संबंधित अधिकारी द्वारा आज पर्यन्त उपलब्ध नहीं कराया गया। जिससे स्पष्ट हो गया है कि उक्त कर्मचारी कलेक्टर दर पर ही नियुक्त हैं। साथ ही इस विषय पर चर्चा के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी यह भी स्पष्ट हुआ है कि निश्चित रूप से उक्त कर्मचारी के नियुक्ति गलत है एवं उन्हें कलेक्टर दर पर ही वेतन दिया जाना चाहिए। उक्त बातें स्वतः संबंधित अधिकारी के द्वारा स्वीकार किया गया है। लेकिन बड़ी खेद की बात है कि सारी बातें स्पष्ट होने के बावजूद होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी शासन को प्रतिमाह 24,000/- रूपये के होने वाले क्षति पर अंकुष नही लगाया जा रहा है न ही उक्त कर्मचारियों से वेतन के रूप में दी गई राषि की वसूली भी नही किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों की सांठगाठ से अब तक 16 लाख रूपये का चूना शासन को लग चुका है। मनीराम जांगड़े ने आगे यह भी आरोप लगाया है कि अधिकारियों की संलिप्तता के बिना इतनी भारी भरकम राषि का गबन होना संभव नहीं है।
इस संबंध में युवा नेता मनीराम जांगड़े ने कलेक्टर कोरबा रानू साहू को पत्र लिखकर मांग किया है कि शासन की शासकीय राषि को गबन करने वाले अधिकारी कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निंलबित किया जाए साथ ही उक्त राशि की वसूली उन अधिकारी एवं कर्मचारियों से सात दिवस के भीतर किया जाए। ताकि शासकीय राशि का इस प्रकार से बंदरबाट करने वाले अन्य किसी अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा भविष्य में न किया जा सके।
कोरबा:जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शासन को प्रति माह 25260/- रूपये की लगाई जा रही चपत,शिकायत सत्य होने के बावजूद भी मौन बैठे हैं जिम्मेदार: मनीराम जांगड़े
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