कोरबा@M4S: गोठानों के सुचारू संचालन के लिए ग्रामीणों की सहभागिता अति आवश्यक है। ग्रामीणों के सहयोग से ही ग्राम सुराजी महती योजना को सफल बनाया जा सकता है। इसके संचालन के लिए हमें नया कुछ नहीं करना है, बल्कि सदियों से चली आ रही गौ पालन परंपरा को सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ाना है।’’ उक्त उदगार किरण कौशल कलेक्टर कोरबा ने कल सोमवार को प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी स्टेडियम परिसर आॅडीटोरियम में जिला पंचायत संसाधन केन्द्र द्वारा नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना विषय पर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण में व्यक्त किये।
कलेक्टर ने कहा कि हम गोवर्धन पूजा तो करते हैं पर हम गायों के लिए बैठने की जगह, पर्याप्त चारा और जीवन सुरक्षा दें पायें तो इससे बड़ा पुण्य का कार्य नहीं। उन्होंने कहा कि यदि ग्रामीणों के द्वारा चरवाहे को स्वेच्छा से मानदेय दिया जायेगा तो चरवाहे के साथ-साथ ग्रामीणों की भी जिम्मेदारी बढ़ेगी। पशु यदि स्वस्थ्य होंगे तो इनसे दूध मिलेगा जिससे दुग्धपान करके बच्चों का स्वास्थ्य सुधरेगा। उन्होंने कहा कि अपने घर-आंगन तुलसी-चैरा की तरह अपने गौठानों को साफ व स्वस्च्छ बनायें। प्रदेश में सबसे अच्छा गौठान बनाया जावे।
एस. जयवर्धन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा ने प्रशिक्षण के उददेश्यों को बताया। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इसकी सफलता के लिए जनप्रतिनिधि, मैदानी अमला, गौठान समिति, चरवाहा एवं ग्रामीणों को अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से करना होगा। उन्होंने ने वर्तमान में जिले में संचालित नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी कार्यक्रम की स्थिति, चुनौतियां एवं समाधान की जानकारी दी।
डाॅ. एस के उपाध्याय सदस्य विज्ञान कृषि विज्ञान केन्द्र कटघोरा ने आदर्श चारागाह एवं गौठान क्यों एवं उन्नत चारा क्या है, चारा के प्रकार, उन्नत चारा लगाने के तरीके एवं देख-रेख के विषय में बताया।
डाॅ. एन पी सिंह उपसंचालक पशुधन विभाग ने पशुधन की महत्ता एवं कषि में पशुधन की भूमिका पर प्रकाश डाला।
डाॅ. कुर्रे पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ ने पशु स्वास्थ्य नस्ल सुधार, पशुओं में होने वाली बिमारी, समाधान एवं देखरेख के विषय में जानकारी दी। श्री आर के भारती वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने पशुधन से प्राप्त गोबर, गौमुत्र एवं स्थानीय कचरे से विभिन्न प्रकार के खाद निर्माण, विधि तथा खाद के विपणन के विषय में बताया।
श्री रात्रे उपसंचालक उद्यानिकी विभाग ने पौधों की देखभाल एवं महत्व के विषय में जानकारी दी। श्री संदीप डिक्सेना सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा ने गौठानों की आवश्यकता, गौवंशीय पशुओं की वर्तमान स्थिति, गौठान समिति के दायित्वों की जानकारी दी।
सुश्री प्रीति पवार सहायक परियोजना अधिकारी एनआरएलएम एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा ने गौठान की वित्तीय व्यवस्था एवं संचालन में चरवाहा एवं महिला समूहों की भूमिका के विषय में बताया। प्रशिक्षण सत्र में प्रशिक्षार्थियों ने बीच-बीच में कई प्रश्न पूछें जिनके समाधानकारक जवाब विभागीय अधिकारी/वक्ताओं ने दिये।
श्री राजीव श्रीवास डीपीएम राष्ट्रीय आजीविका मिशन ने संचालन किया। श्री बी पी भारद्वाज परियोजना अधिकारी जिला पंचायत ने आभार व्यक्त किया। रामेंद्र गुर्जर प्रशिक्षण सह प्रभारी रहे
प्रशिक्षण में जिला एवं जनपद पंचायत स्तरीय कर्मचारी- मनरेगा, एनआरएलएम, कषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, स्वच्छ भारत मिषन एवं एनजीजीबी ग्रामों से सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, स्व-सहायता समूह के सदस्य, गौठान समिति के सदस्य आदि उपस्थित थे।
कोरबा:गोठानों के संचालन के लिए ग्रामीणों की सहभागिता जरूरीः कलेक्टर
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