कोरबा:करतला जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ जी के मिश्रा निलंबित

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कोरबा@M4S: कलेक्टर  किरण कौशल ने गुरूवार देर शाम पंचायत आम चुनाव 2020 के लिए प्रभावशील आदर्श आचार संहिता के दौरान निर्माण कार्यों के चेक जारी करने और विधानसभा को आधी-अधूरी तथा गलत जानकारी देने पर करतला जनपद पंचायत के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जी.के.मिश्रा को निलंबित कर दिया है।
कलेक्टर किरण  कौशल ने जी.के.मिश्रा का निलंबन आदेश जारी कर दिया और निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय परियोजना प्रशासक कार्यालय एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना को नियत किया है। जी के मिश्रा के विरूद्ध यह कार्यवाही छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1966 के नियम 9 के प्रावधानों के तहत की गई है। कलेक्टर ने शिकायतों की जांच के दिये थे निर्देश, जिला पंचायत के सीईओ ने की जंाच- कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल से श्री मिश्रा के विरूद्ध तत्कालीन समय विधानसभा में गलत उत्तर प्रस्तुत करने और आदर्श आचार संहिता के दौरान शासकीय राशि का दुरूपयोग करने की शिकायतें की गई थी।
श्रीमती कौशल ने इन शिकायतों की जांच के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। जिला पंचायत सीईओ द्वारा चार सदस्यीय जांच दल गठित कर पूरे प्रकरण की गहन जांच की थी और इस पर आज ही प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया। प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर श्री मिश्रा के विरूद्ध लगाये गये आरोपों की पुष्टि होने के बाद उन्हे आज देर शाम निलंबित कर दिया गया है। पंचायत चुनाव आचार संहिता के दौरान चेक जारी करने और विधानसभा को गलत जानकारी देने की हुई पुष्टि- जांच के दौरान पाया गया कि पंचायत आम चुनाव 2020 के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के दौरान करतला जनपद के तत्कालीन सीईओ जी.के.मिश्रा ने निर्माण कार्यों की प्रथम किश्त की राशि के चेक जारी किये थे। यह सभी चेक 10 ग्राम पंचायतों में खनिज न्यास मद से स्वीकृत किये गये 14 विकास कार्यों से संबंधित थे। इसी के साथ तत्कालीन सीईओ श्री मिश्रा को छत्तीसगढ़ विधानसभा के दो प्रश्नों के जवाब में आधी-अधूरी और गलत जानकारी भेजने का भी दोषी पाया गया है। जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया है कि जनपद पंचायत करतला के एक्सिस बैंक से 24 ग्राम पंचायतों द्वारा पंचायत आम चुनाव आचार संहिता के दौरान 86 लाख रूपये से अधिक की राशि आहरित की गई। जिसकी पुष्टि बैंक के स्टेटमेंट से भी होती है। इसी प्रकार जांच में करतला जनपद के तत्कालीन सीईओ जी.के.मिश्रा द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में दो प्रश्नों के उत्तर में दो अलग-अलग आधी-अधूरी और गलत जानकारी वाले जवाब देने की भी पुष्टि जांच दल द्वारा की गई है। एक प्रश्न के उत्तर में तत्कालीन सीईओ ने करतला जनपद की 26 ग्राम पंचायतों में 47 विकास कार्यों के लिए लगभग एक करोड़ 19 लाख रूपये का आहरण ग्राम पंचायत सचिवों के एकल हस्ताक्षर से किया जाना बताया था तथा उसी प्रश्न के एक अन्य उत्तर में 26 ग्राम पंचायतों के 47 कार्यों के लिए 98 लाख रूपये का आहरण बताया गया। इस प्रकार श्री मिश्रा ने आहरित राशि की सही जानकारी विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत नहीं करते हुए गलत और आधी अधूरी जानकारी दी थी।
 मिश्रा ने पंचायत सचिवों के अकेले हस्ताक्षर से राशि निकालने बैंकों को लिखा था पत्र- पंचायत चुनावों के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के दौरान करतला जनपद के तत्कालीन सीईओ जी.के.मिश्रा ने कार्यालय से शासकीय पत्र लिखकर सभी बैंकों को ग्राम पंचायत सचिवों के एकल हस्ताक्षर से राशि आहरित करने के निर्देश दिए थे, जोकि छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 66 की विपरीत है। श्री मिश्रा के इस कृत्य के लिए कलेक्टर श्रीमती कौशल ने उनके विरूद्ध विभागीय जांच करने की अनुशंसा शासन से की है और उन्हें तत्काल जनपद पंचायत करतला के प्रभार से हटाकर सहायक आयुक्त कार्यालय आदिवासी विकास विभाग कोरबा में संलग्न कर दिया था। एकल हस्ताक्षर से पंचायत चुनाव आचार संहिता के दौरान राशि आहरित किये जाने के कारण करतला जनपद के 9 पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया गया है और 14 ग्राम पंचायत सचिवों की दो-दो वेतनवृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। इसके साथ ही ऐसे सभी पंचायत सचिवों को स्थांनांतरित कर अन्यत्र पंचायतों में पदस्थ कर दिया गया है।  

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