कोयला कर्मियों को जल्द वेतन समझौते का इंतजार नवंबर में होने वाली जेबीसीसीआई की सातवीं बैठक में डीपीई की गाइडलाइन की बाधा

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कोरबा@M4S: कोयला कर्मियों के वेतन समझौते में डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक की गाइडलाइन के कारण बाधा बनी हुई है। कोल इंडिया व अनुषंगी कंपनियों के कोयला मजदूरों का वेतन समझौता एक साल से लंबित है। वेतन समझौते को लेकर गठित कमेटी जेबीसीसीआई 11 की छह बैठकें हो चुकी हैं। नवम्बर में संभावित सातवीं बैठक में भी वेतन समझौते के आसार कम है। बताया जा रहा है कि अगली बैठक नवंबर में 19 या 20 तारीख को हो सकती है।
जेबीसीसीआई की अगली बैठक से एक बार फिर कोयला कर्मियों को बड़ी उम्मीदें हैं। जल्द ही बैठक की तिथि पर मुहर भी लग जाएगी। पिछले डेढ़ साल से लगातार मामला टलता आ रहा है। इस बार भी डीपीई की गाइडलाइन रोड़ा बन सकती है। जेबीसीसीआई की छठी बैठक के पांच दिन बाद 7 सितंबर को कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) विनय रंजन ने कोयला मंत्रालय को एक पत्र भेजा। इसमें मंत्रालय को बताया गया है कि निहित प्रावधानों के तहत ही वेतन समझौते को अंतिम रूप दिया जाना है, जैसा कि डीपीई गाइडलाइन के तहत अन्य सीपीएसई में वेतन समझौता होता है। ऐसे में अगली बैठक फिर इसी मुद्दे पर आकर लटक सकती है। सूत्रों के अनुसार 6 बैठकों में भी पहले की ही तरह डीपीई की गाइडलाइन को नजरअंदाज किया गया, लेकिन पुन: कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन एवं अन्य संगठनों द्वारा आवाज उठाए जाने के बाद डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीई) ने इस पर सवाल खड़ा किया है। कोयला क्षेत्र के चारों श्रम संगठन एटक, बीएमएस, एचएमएस व सीटू ने 30 फीसद मिनिमम गारंटी बेनिफिट की मांग की है। वहीं प्रबंधन 10 प्रतिशत मिनिमम गारंटी बेनिफिट से आगे बढऩे को तैयार नहीं है।जेबीसीसीआई की छठी बैठक में प्रबंधन ने अधिकतम 10 फीसद एमजीबी का प्रस्ताव रखा था और यूनियन ने न्?यूनतम 30 प्रतिशत एमजीबी की डिमांड रखी थी, लेकिन बात नहीं बन सकी। अब कोल इंडिया के निदेशक ने मंत्रालय को भेजे गए पत्र में लिखा है कि जब तक डीपीई की गाइडलाइन में छूट नहीं दी जाती, कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को लेकर आगे बढऩा संभव नहीं है।एमजीबी पर सहमति नहीं बन पा रही है।

गाइडलाइन में छूट को लेकर इंतजार
कोयला कामगारों के वेतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीआई 11 की सातवीं बैठक को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। बताया जा रहा है कि कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा गाइडलाइन में छूट को लेकर कोयला मंत्रालय से जवाब आने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही जेबीसीसीआई की सातवीं बैठक संभव हो सकेगी। डीपीई गाइडलाइन में छूट को लेकर सीआईएल द्वारा लिखे गए पत्र का कोयला मंत्रालय से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। मंत्रालय के दिशा-निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।

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