जनवरी 2021 में लांच होगा व्यावसायिक कोयला खनन की नीलामी का अगला चरण: प्रल्हाद जोशी
भारत की सबसे पहली व्यावसायिक कोयला खनन नीलामी के विजेताओं के साथ कोयला मंत्रालय ने किए समझौते
नई दिल्ली@M4S:भारत में कोयला खदान शुरू करने के लिए जरूरी सभी क्लीयरेंसस् और मंजूरियों को दिलाने में सहयोग देने के लिए कोयला मंत्रालय ने सोमवार को एक सिंगल विंडो क्लीयनरेंस पोर्टल लांच किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी की उपस्थिति में भारत की सबसे पहली व्यावसायिक कोयला खनन नीलामी के विजेताओं के साथ समझौते करने के लिए नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में इस पोर्टल को लांच किया।
कार्यक्रम में श्री जोशी ने व्यावसायिक कोयला खनन के लिए खदानों की नीलामी के अगले चरण के जनवरी 2021 में लांच किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमने कोयला क्षेत्र में व्यापक सुधार किए हैं और अब कोयला क्षेत्र राष्ट्र में बड़े बदलावों का वाहक बनेगा।
श्री जोशी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के साहसिक एवं निर्णायक नेतृत्व में कोयला क्षेत्र की व्यापक कायापलट हुई है। सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल सरकार के ‘मिनीमम गवर्नमेंट एंड मैक्सिमम गवर्नेंस’ दृष्टिकोण को मजबूती देता है। यह पोर्टल कोयला क्षेत्र में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
देश में कोयला खदान शुरू करने के लिए अभी 19 बड़े अप्रूवल या क्लीयरेंसस् (मंजूरी) लेने पड़ते हैं। इनमें माइनिंग प्लान एंड माइन क्लोजर प्लान, माइनिंग लीज लेना, पर्यावरण एवं वन, वन्य जीव, सुरक्षा, परियोजना प्रभावित परिवारों का विस्थापन, कर्मचारी कल्याण जैसे क्षेत्रों से जुड़ी मंजूरियां शामिल हैं। ये सभी मंजूरियां केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा दी जाती हैं। ये सभी मंजूरियां प्राप्त करने के किसी सम्मिलित प्लेटफॉर्म की अनुपस्थिति में खनन परियोजना प्रस्तावकों को विभिन्न प्रशासनिक मंत्रालयों और सरकारी विभागों के समक्ष अलग-अलग आवेदन करने पड़ते हैं, जिससे कोयला खदानों से कोयला उत्पादन शुरू करने में देर होती है।
लेकिन अब इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने में यह सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल मदद करेगा। इस पोर्टल का माइनिंग मॉड्यूल सोमवार को लांच किया गया, जबकि अन्य मंजूरियों से जुड़े मॉड्यूल चरणबद्ध तरीके से शुरू किए जाएंगे।
कार्यक्रम में कोयला मंत्रालय ने भारत की सबसे पहली व्यावसायिक कोयला खनन नीलामी के सफल विजेताओं- वेदांता लिमिटेड, अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड, जिंदल पावर लिमिटेड, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड सहित कुल 19 विजेताओं के साथ समझौते भी किए। इस नीलामी की सफलता से भारत का लगभग 20% कोयला आयात कम होगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। एसबीआई कैपिटल मार्केटस् लिमिटेड, जोकि कोयला मंत्रालय का एकमात्र ‘लेन-देन सलाहकार’ है, ने इस नीलामी प्रक्रिया को विकसित करने और आयोजित करने में सहयोग दिया है।
श्री जोशी ने सभी राज्यों से इन सभी खदानों को जल्द से जल्द शुरू करने में अपना सहयोग देने की अपील की, ताकि भारत अपने विशाल कोयला भंडार का समुचित उपयोग कर कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके।
गौरतलब है कि व्यावसायिक कोयला खनन के लिए सफलता पूर्वक नीलाम की गईं 19 खदानों से राज्यों को 6,656 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। नीलामी प्रक्रिया के दौरान आवेदकों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते 66.75% का अधिकतम और 27% का औसत प्रीमियम प्राप्त हुआ। ये खदानें 05 राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड एवं महाराष्ट्र में फैली हैं और इनसे सम्मिलित रूप से 51 मिलियन टन का सालाना अधिकतम अनुमानित कोयला उत्पादन होगा।
श्री जोशी ने कहा कि खनिज संपदा से संपन्न विभिन्न राज्यों के अनुभव और विभिन्न हितग्राहियों से मिली फीडबैक के आधार पर सरकार खनन क्षेत्र में भी बड़े ढांचागत सुधार लाएगी। ये सुधार बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करेंगे और खनिज उत्पादन बढ़ाकर देश में आत्म-निर्भरता को बढ़ावा देंगे। मुझे विश्वास है कि खनन क्षेत्र में होने वाले इन सुधारों से भारत को अपनी वास्तविक क्षमता के साथ खनिज उत्पादन करने में मदद मिलेगी।
इन सुधारों के तहत खनन क्षेत्र में उद्योग जगत के अनुकूल ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने वाले कई कदम उठाए जाएंगे।