कोरबा@M4S: वर्तमान दौर में नौजवानों का आत्मघाती कदम उठाने के पीछे दो प्रमुख कारण सबसे अधिक सामने आते हैं। पहला प्रेम संबंध में ब्रेकअप और दूसरा कॅरियर बनाने में आ रही मुश्किलों व असफलता शामिल है। इनके लक्षणों की समय रहते पहचान कर काउंसिलिंग नितांत आवश्यक है। अगर आपके बीच किसी में ऐसे लक्षण नजर आएं, तो बिना वक्त गंवाए जिला अस्पताल, स्टेट मेंटल हेल्थ हॉस्पिटल एवं एम्स से संपर्क किया जाना चाहिए।
यह महत्वपूर्ण बातें जिला मानसिक स्वास्थ्य केंद्र इंदिरा गांधी जिला अस्पताल कोरबा के साइकोलॉजिस्ट डॉ. संजय तिवारी ने पंडित मुकुटधर पांडेय शासकीय महाविद्यालय कटघोरा में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहीं।डॉ. तिवारी यहां सोसाइड प्रिवेंशन विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता अपने अनुभव साझा करते हुए युवाओं, प्राध्यापकों एवं पालकों का मार्गदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ब्रेक अप एवं कॅरियर की टेंशन से होने वाले आत्महत्या के कारणों से बच्चों को बचाने के उपाय मौजूद हैं, पर उन्हें सही समय पर पहचानकर उचित कदम उठाने की जरूरत होती है। प्राचार्य डॉ. एमएम जोशी के मार्गदर्शन में आई क्यूएसी, समाजशास्त्र विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में समाजशास्त्र विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ आशुतोष लाल, प्रेम कुमार वर्मा ग्रंथपाल, डॉ प्रिंस कुमार मिश्रा, सहायक प्राध्यापक यशवंत जायसवाल, सहायक प्राध्यापक एनपी कुर्रे, अतिथि प्राध्यापक राकेश कुमार आजाद, गंगाराम पटेल, समाजशास्त्र विभाग के स्नातकोत्तर विभाग के छात्र-छात्राएं, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक सहित अन्य उपस्थित थे।