नई दिल्ली(एजेंसी):करवाचौथ का व्रत 13 अक्तूबर यानी आज गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पांडेय ने बताया कि कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को चंद्रोदय ब्यापिनी में यह व्रत किया जाता है। इस वर्ष गुरुवार का दिन कृत्तिका नक्षत्र रात्रि तक रहेगा। सिद्धि योग पश्चात् व्यतिपात योग मिल रहा है। गुरुवार चतुर्थी तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार चंद्रोदय रात 7:55 बजे होगा। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को समर्पित होता है। करवा चौथ व्रत के दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा की जाती है। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है।
सुहागिन महिलाएं रात के समय भगवान शिव, चंद्रमा, कार्तिकेय आदि के चित्रों व सुहाग की वस्तुओं की पूजा करती हैं। सबसे ऊपर चंद्रमा, उसके नीचे शिव, फिर कार्तिकेय के चित्र दीवार पर बनाकर उनका पूजन करना चाहिए। ॐ चं चन्द्रमसे नमः , ॐ शिवाय नमः के अलावा विशेष मंत्र ॐ षडमुखाय विद्महे मयूर वाहनाय धीमहि तन्नो कार्तिक प्रचोदयात से पूजन करना चाहिए।