कम बारिश से बोआई या रोपाई नहीं हो पाने पर भी किसानों को मिलेगी बीमा क्षतिपूर्ति

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिक से अधिक रकबे की फसलों का बीमा कराने कलेक्टर की अपील, 31 जुलाई तक होगा बीमा
कोरबा@M4S:चालू खरीफ मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने वाले किसानों को कम बारिश या प्रतिकूल मौसम के कारण बोआई या रोपाई नहीं हो पाने पर भी बीमा क्षतिपूर्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इस वर्ष यह प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही खड़ी फसल में बोआई से लेकर कटाई तक भी नुकसान पर बीमा क्षतिपूर्ति का प्रावधान योजना में है। जिले में चालू मानसून के दौरान हुई कम बारिश को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले के किसानों से अपने खेतों में लगी सभी फसलों का बीमा अवश्य ही कराने की अपील की है। जिले में खरीफ वर्ष 2019 में धान (सिंचित,असिंचित), मक्का, सोयाबीन, मूंगफल्ली, तुअर (अरहर), मूंग एवं उड़द फसलों का बीमा आगामी 31 जुलाई तक कराया जा सकता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इस वर्ष धान (सिंचित) पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 45 हजार रूपए होगी, जिसके लिए किसान को 900 रूपये प्रीमियम पटाना होगा। धान (असिंचित) पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 33 हजार रूपए होगी और बीमा प्रीमियम 660 रूपये निर्धारित किया गया है। मक्का प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 20 हजार रूपए होगा और किसानों को 400 रूपये प्रीमियम पटाना पड़ेगा। इसी तरह मूंग और उड़द की एक हेक्टेयर फसल का 15 हजार रूपये का बीमा 300 रूपये में होगा। एक हेक्टेयर में लगी मूंगफली की फसल का 30 हजार रूपये का बीमा किसान 600 रूपये प्रीमियम देकर करा सकेंगे। अरहर की एक हेक्टेयर फसल का 25 हजार रूपये का बीमा 500 रूपये प्रीमियम पर किया जायेगा।,
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जहां हर ऋणी किसान के लिए यह बीमा अनिवार्य है, वहीं अऋणी किसानों के लिए यह बीमा सुविधा ऐच्छिक है। गैर ऋणी किसानों को बीमा कराने हेतु बी 1 की छायाप्रति,पहचान पत्र एवं बैक खाते के पासबुक की छायाप्रति, किसान पहचान पत्र की छायाप्रति एवं फसल बुआई प्रमाण पत्र के साथ जमा करना अनिवार्य होगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस फसल बीमा योजना का लाभ उठाने किसानों से अपील करते हुये कहा है कि वे नजदीकी बैंक एवं सहकारी समितियों से संपर्क कर फसल बीमा जरूर कराएं और योजना का लाभ उठाएं।
कृषि विभाग द्वारा बीमा आवरण की जानकारी देते हुए बताया गया है कि बीमाकृत क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमी दशाओं में बुआई, रोपण नहीं होने पर हानि से यह बीमा सुरक्षा प्रदान करेगा। इसके अलावा गैर बाधित जोखिम जैसे सूखा, शुष्क अवधि, बाढ़, जल भराव, कीट व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटना, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर और बवंडर के कारण फसल को होने वाले नुकसान की सुरक्षा के लिए वृहत् जोखिम बीमा दिया जाएगा। यह बीमा आच्छादन अधिसूचित फसलों के कटाई के बाद अधिकतम दो सप्ताह (14 दिन) के लिए चक्रवात, चक्रवातीय वर्षा और बेमौसम वर्षा के मामले में दिया जाएगा, जिन्हें फसल कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए छोड़ा गया हो। अधिसूचित क्षेत्र में पृथक कृषक भूमि को प्रभावित करने वाली ओलावृष्टि, भू-स्खलन और जलभराव के अभिचिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले क्षति से भी यह सुरक्षा प्रदान करेगा। इस संबंध में बताया गया है कि युद्ध, नाभिकीय जोखिमों से होने वाली हानियों, दुर्भावनाजनित क्षतियों और निवारणीय जोखिमों को इस बीमा आवरण में शामिल नहीं किया गया है।
इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए किसान निकटतम बैंक,सहकारी समिति, कृषि विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते है।

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