कोरबा@M4S:सेंट्रल वर्कशॉप मानिकपुर में औद्योगिक अधिनियम को दरकिनार कर कर्मियों के किये जा रहे तबादले को लेकर आक्रोश भड़क उठा है। एक एटक नेता ने इसका विरोध जताए जाने की बात कही है।
एसईसीएल कोरबा में स्थित सेंट्रल वर्कशॉप के प्रबंधन ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 9ए का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया है। इस संबंध में एटक के दीपेश मिश्रा ने बताया कि सेंट्रल वर्कशॉप कोरबा मे लगभग 550 कर्मचारी कार्यरत हैं। अभी हाल ही में यहां के महाप्रबंधक ने गैरजिम्मेदाराना तरीका अपनाकर औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 9 ए का उल्लंघन करते हुए 21 दिन का नोटिस दिये बगैर कामगारों का शिफ्ट डियूटी मे एकाएक जो बदलाव किया है वह पूरी तरह अवैधानिक ही नही, बल्कि गैरकानूनी भी है। श्रम संगठन प्रबंधन के इस हरकत का विरोध करता है। इसमें सबसे हैरानी की बात तो यह है कि यहां पर कार्यरत श्रमिक संगठनों से भी इस मसले पर कोई राय मशविरा नहीं किया गया, जो इनके तानाशाही रवैया को उजागर करता है। उन्होंने आगे कहा कि सबसे मजेदार बात तो यह है कि सेंट्रल वर्कशॉप जहां रात दिन भारी भरकम मशीनों के द्वारा कार्य होता है और स्वाभाविक रूप में इसमें काफी जोखिम की पूरी गुंजाइश भी रहती है। परन्तु उच्च प्रबंधन ने यहां पूर्ण कालीन महाप्रबंधक को अभी तक पदस्थ नहीं किया है जोकि बहुत ही अजीबोगरीब स्थिति है, इससे साफ पता चलता है कि उच्च प्रबंधन ने सेंट्रल वर्कशॉप कोरबा को लगभग महत्वहीन समझ रखा है जो उचित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जिन कामगारों का बिना नोटिस दिये एकतरफा कार्रवाई कर शिफ्ट चेंज किया गया है, उस आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए अन्यथा श्रम संगठन सीधी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगा। दीपेश मिश्रा ने अंत मे कहा कि वर्तमान परिस्थिति में श्रम संगठन प्रबंधन के साथ किसी भी तरह का कोई टकराव नहीं चाहता है पर अगर प्रबंधन औद्योगिक वातावरण को बिगाड़ कर अशांति फैलाने का कोशिश करेगा तो उसका मुकम्मल जवाब दिया जाएगा।
औद्योगिक अधिनियम दरकिनार कर कर्मियों का बदल रहे शिफ्ट एटक नेता ने कहा किया जाएगा विरोध
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