ओलंपिक के जुनून में 30 किमी दूर से हॉकी सीखने आ रहीं लड़कियां

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बरेली(एजेंसी):शहर से तीस किमी दूर जादोपुर मसीत गांव की लड़कियों पर महिला हॉकी टीम ने ऐसा जादू किया कि इन्होंने ‘जादोपुर मसीत’ के नाम से अपनी टीम बना ली। अब यह लड़कियां 500 रुपये में टैंपो कर स्टेडियम में हॉकी की प्रैक्टिस करने आती हैं।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने 36 वर्ष बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। ओलंपिक के लिए टीम की घोषणा हुई तो मसीत गांव की रहने वालीं जागृति शर्मा ने हॉकी खेलने का फैसला कर डाला।

जागृति ने गांव की ही 11 और लड़कियों को भी इसके लिए तैयार कर लिया। इनमें से अधिकांश मध्यम और निम्न आर्थिक वर्ग की हैं। इन सभी का सपना है कि वे एक दिन टीम इंडिया की ड्रेस पहनकर ओलंपिक में भाग लेना है। कोच मुजाहिद अली भी पूरी शिद्दत के साथ इन खिलाड़ियों को कोचिंग देने में जुटे हुए हैं। उन्होंने स्टेडियम से इन खिलाड़ियों को हॉकी भी मुहैय्या करवा दीं।

अपना टैंपो कर आती हैं लड़कियां
जागृति ने बतााया कि पिछले दिनों स्फूर्ति प्रतियोगिता हुई थी। उस दौरान हम लोग स्टेडियम में खोखो खेलने आए थे। हम लोग तो पहले ही हॉकी खेलने का मन बना चुके थे। आनन-फानन में कोच से बात कर सभी लड़कियों का एडमिशन करा
दिया। अब हम लोग अपना टैंपो करके स्टेडियम तक आते हैं। टैंपो वाले भईया एक बार का 500 रुपये किराया लेते हैं। हम लोग रोजाना लगभग 60 किमी का सफर तय करते हैं। शुरू में गांव के कुछ लोगों ने टोकाटाकी भी की। मगर हम
लोगों की हिम्मत के आगे उनकी बोलती बंद हो गई।

यह हैं टीम की खिलाड़ी
गांव से आने वाले खिलाड़ियों में इंटर में पढ़ रहीं क्रांति कुमारी, कक्षा दस में पढ़ रहीं उपासना, नीरज, क्रांति, कक्षा नौ की वीरावती, कक्षा आठ की रुपावती, अनीता देवी, राजकुमारी, पुष्पा देवी और पूजा व बीए सेकेंड ईयर की गीता शामिल हैं।

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