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कोरबा@M4S: एसईसीएल कोरबा एरिया में स्वच्छता अभियान पर पलीता लगा हुआ है ।जगह जगह गंदगी बिखरी पड़ी है। ठेकेदार की लापरवाही के कारण गंदगी और बदबू से कॉलोनी वासी सहित राहगीर परेशान हो चलें है।
जिले में संचालित एसईसीएल कालोनियों की साफ सफाई व्यवस्था ठेका प्रथा के हवाले है ।साफ सफाई के नाम पर कंपनी द्वारा हर माह लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद परियोजना के कॉलोनियों में गंदगी का अंबार बना हुआ है ।कुछ इसी तरह की स्थिति कोरबा एरिया में भी देखने को मिल रही है। स्वच्छता अभियान में बरती जा रही लापरवाही के कारण क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी ही गंदगी पड़ी देखी जा सकती है ।लंबे समय से कचरा का उठाव नहीं होने से ढेर लगा हुआ है ।ऐसे में कॉलोनीवासी परेशान हो रहे है ।मार्ग से गुजरने वाले लोगों को भी इसका सामना करना पड़ता है ।एसईसीएल यूनियन नेता भी कई बार साफ सफाई की समस्या से प्रबंधन के अफसरों को अवगत करा चुके हैं ।इसके बाद भी अधिकारी इस ओर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं । जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कोरबा एरिया ही नहीं मेगा परियोजनाओं के कॉलोनियों की भी यही स्थिति है । गेवरा दीपका क्षेत्र में तो गंदगी से परेशान जनप्रतिनिधियों व आम लोगों ने श्रमदान कर विरोध भी जताया था। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी एक तरफ तो कोयला उत्पादन बढ़ाने पर फोकस कर रहे है तो दूसरी ओर सफाई व्यवस्था की मेनिट्रिंग नहीं कर रहे है ।जिसकी वजह से गंभीर समस्या निर्मित हो गई है।
जिले में संचालित एसईसीएल कालोनियों की साफ सफाई व्यवस्था ठेका प्रथा के हवाले है ।साफ सफाई के नाम पर कंपनी द्वारा हर माह लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद परियोजना के कॉलोनियों में गंदगी का अंबार बना हुआ है ।कुछ इसी तरह की स्थिति कोरबा एरिया में भी देखने को मिल रही है। स्वच्छता अभियान में बरती जा रही लापरवाही के कारण क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी ही गंदगी पड़ी देखी जा सकती है ।लंबे समय से कचरा का उठाव नहीं होने से ढेर लगा हुआ है ।ऐसे में कॉलोनीवासी परेशान हो रहे है ।मार्ग से गुजरने वाले लोगों को भी इसका सामना करना पड़ता है ।एसईसीएल यूनियन नेता भी कई बार साफ सफाई की समस्या से प्रबंधन के अफसरों को अवगत करा चुके हैं ।इसके बाद भी अधिकारी इस ओर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं । जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कोरबा एरिया ही नहीं मेगा परियोजनाओं के कॉलोनियों की भी यही स्थिति है । गेवरा दीपका क्षेत्र में तो गंदगी से परेशान जनप्रतिनिधियों व आम लोगों ने श्रमदान कर विरोध भी जताया था। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी एक तरफ तो कोयला उत्पादन बढ़ाने पर फोकस कर रहे है तो दूसरी ओर सफाई व्यवस्था की मेनिट्रिंग नहीं कर रहे है ।जिसकी वजह से गंभीर समस्या निर्मित हो गई है।