एमजीबी पर अटकी है वेतन समझौता की गाड़ी कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते की चल रही कवायद

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कोरबा@M4S: कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते की कवायद चल रही है, लेकिन जेबीसीसीआई की छह बैठकें हो जाने के बाद भी इसे अंतिम अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका है। दरअसल पूरा मामला डीपीई की गाइडलाइन और मिनिमम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी)पर आकर अटक गया है।


6वीं बैठक में कोल इंडिया लिमिटेड प्रबंधन ने अधिकतम 10 फीसदी एमजीबी देने का प्रस्ताव रखा, जबकि यूनियन ने 30 प्रतिशत की डिमांड की। मामला आगे नहीं बढ़ सका और इस चर्चा को अगली यानी जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक के लिए छोड़ दिया गया था। अब 7वीं बैठक 30 नवम्बर को होने जा रही है।देखना यह होगा कि सीआईएल प्रबंधन 10 फीसदी एमजीबी से आगे बढ़ता है या नहीं। यूनियन सीआईएल के प्रस्ताव के बाद ही अपनी बात रखेगा। माना जा रहा है कि यह बैठक आसान नहीं होगी। प्रबंधन और यूनियन के बीच फिर से रार की स्थिति निर्मित हो सकती है।जेबीसीसीआई की 6वीं बैठक के पांच दिनों बाद 7 सितम्बर, 2022 को सीआईएल के निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) विनय रंजन ने कोयला मंत्रालय को डीपीई के संदर्भ में पत्र लिखा था। प्रबंधन ने पत्र में लिखा गया था कि जेबीसीसीआई के यूनियन सदस्यों को बताया जा चुका है कि डीपीई के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों के तहत ही वेतन समझौते को अंतिम रूप दिया जाना है, जैसा कि डीपीई गाइडलाइन के तहत अन्य सीपीएसई में वेतन समझौता होता है।निदेशक ने अपने पत्र में कहा था कि जब तक डीपीई की गाइडलाइन में छूट नहीं दी जाती कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को लेकर आगे बढऩा संभव नहीं है। पत्र में कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में ओवरलैपिंग की बात भी लिखी गई है। कहा गया है कि ऐसा होने से कामगारों और अधिकारियों के मध्य वेतन संघर्ष की स्थिति निर्मित होगी। कोयला मंत्रालय ने डीपीई को पत्र लिखकर दिशा निर्देश मांगा है। डीपीई वित्त मंत्रालय के अंतर्गत है। अब तक यह जानकारी समाने नहीं आई है कि डीपीई ने कोयला मंत्रालय के पत्र का कोई जवाब दिया है या नहीं।लिहाजा ऐसे में माना जा रहा है कि 7वीं बैठक में डीपीई गाइडलाइन एक अड़चन के तौर पर बनी रहेगी। हालांकि बीएमएस डीपीई की गाइडलाइन को वेतन समझौते में बाधा नहीं मान रहा है। पिछले दिनों निदेशक कार्मिक ने मीडिया से चर्चा करते हुए यह बात कही थी। इधर, यह भी कहा जा रहा है कि यदि डीपीई की गाइडलाइन में छूट मिल भी गई तो प्रबंधन अधिकतम 15 से 18 के बीच ही एमजीबी प्रदान करने सहमत होगा।

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