एक हफ्ते बाद बैठूंगा आमरण अनशन पर, शुगर और हार्ट का पेशेंट हूं, कुछ हुआ तो जिम्मेदार होंगे डीईओ पांडे

- Advertisement -

कोरबा@M4S:उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उमरेली में प्राचार्य पद को लेकर विवाद खत्म ही नहीं हो रहा है। शासन स्तर से यहां धारेलाल दिव्यकार को प्राचार्य के पद पर प्रमोशन दिया गया था। लेकिन मंत्रालय के आदेश के बाद भी उन्हें अब तक वेतन तक नहीं मिल सका है पिछले 5 माह से उन्हें वेतन नहीं मिला है। इससे आहत होकर दिव्यकार ने कलेक्टर को एक पत्र लिखा है। पत्र में उल्लेख किया है कि, अगर सप्ताह भर के भीतर उन्हें 5 माह के बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जाता तो वह 13 अगस्त से कलेक्ट्रेट के सामने परिवार सहित आमरण अनशन करेंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी एसके पांडे एक बार फिर से विवादों में आ गए हैं। पदोन्नत प्राचार्य दिव्यकार ने पूर्व में भी कई बार कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा है कि डीईओ शिक्षा विभाग के आदेश को ही नहीं मान रहे हैं। रायपुर मंत्रालय से गवर्नमेंट हायर सेकंडरी स्कूल उमरेली के प्राचार्य पद पर धारेलाल दिव्यकार को पदस्थ किया गया है। लेकिन डीईओ ने यह कहकर मानने से इनकार कर दिया कि वे बस्तर संभाग में पदस्थ थे। इसके कारण उनकी पदस्थापना वहीं होनी चाहिए। कलेक्टर ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया था। बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले में धारेलाल दिव्याकर, मयूर डोंगर स्कूल में व्याख्याता के पद पर पदस्थ थे। पिछले वर्ष 6 अक्टूबर को उनकी पदोन्नति प्राचार्य के पद पर हुई है। साथ ही उनका तबादला उमरेली के हायर सेकंडरी स्कूल किया गया है। प्रमोशन के 6 दिन बाद दिव्याकार ने ज्वाइनिंग भी दे दी। लेकिन इस आदेश के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी उन्हें उमरेली स्कूल का प्राचार्य नहीं मानते। इस संबंध में उनका कहना है कि कोंडागांव में उनका प्रमोशन हुआ है। इसकी वजह से वे वहीं पदस्थ रहेंगे। इसके बाद फिर 25 फरवरी को मंत्रालय से संशोधित आदेश जारी हुआ। उसमें भी पदस्थापना उमरेली किया था। संशोधित पत्र को भी डीईओ मानने से इनकार कर दिया था। उनका कहना है कि स्कूल में पद खाली नहीं है। दूसरी ओर उमरेली में पदस्थ प्राचार्य एसके दुबे ने चार साल पहले ही लाइवलीहुड काॅलेज में संलग्नीकरण करा लिया है।  हालांकि अब दुबे का संलग्नीकरण भी समाप्त हो चुका है। वह कैंसर पीड़ित भी है, और नियमित तौर पर स्कूल नहीं आ रहा हैं। जबकि दिव्यकार नियमित तौर पर स्कूल पहुंच रहे हैं। एक स्कूल में 2 प्राचार्य के होने की स्थिति फिलहाल बनी हुई है। दोनों ही हाईकोर्ट की शरण मे भी गए थे। लेकिन मामले का समाधान अभी नहीं हुआ है। 2 दिन पहले स्कूल में ऐसी स्थिति निर्मित होने के कारण छात्रों ने शाला का बहिष्कार कर दिया था। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से तीन सदस्यीय दल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उमरेली जांच करने भी पहुचीं थी। विवादों के कारण स्कूल में पढ़ाई पूरी तरह से ठप है इन सबके बीच दिव्यकार को पिछले 5 माह का वेतन प्राप्त नहीं हुआ है। दिव्यकार ने जिले से लेकर राज्य तक इसकी शिकायत की है। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है। इसके कारण उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखकर आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी।

स्कूल में कई अनियमितताएं
दिव्यकार की मानें तो उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उमरेली में पदस्थ प्राचार्य एसके दुबे पिछले चार-पांच वर्ष से स्कूल नहीं आते। वह जिले में सहायक संचालक के पद पर संलग्न थे। इस बीच स्कूल में कई वित्तीय अनियमितताऐं की गईं हैं। इसके साथ ही स्कूल का प्रभार जूनियर व्याख्याताओं को दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा नियम विरुद्ध अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए स्कूल के ही एक व्याख्याता को आहरण संवितरण अधिकारी बना दिया है। यह उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है। दिव्यकार का कहना है कि वह इस तरह की परिस्थितियों से अब बेहद परेशान हो चुके हैं।इसलिए परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठने का फैसला कर लिया है। कुछ दिन पहले हार्ट की सर्जरी हुई है शुगर की बीमारी भी है। ऐसे में अनशन के दौरान यदि कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे और प्राचार्य दुबे की होगी।

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!